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Gorakhpur: नाले की खुदाई से थमी शहर की रफ्तार, ट्रांसपोर्ट नगर से नौसढ़ तक घंटों रेंगते रहे वाहन

गोरखपुर शहर में सोमवार सुबह सबसे व्यस्त सड़क ट्रांसपोर्ट नगर से नौसढ़ तक लोगों का जाम से हाल बेहाल हो गया। सड़कों पर घंटों तक वाहन रेंगते रहे, लोग बेबस होकर सड़क पर फंसे रहे। किसी की ट्रेन छूट गई, कोई कचहरी नहीं पहुंच सका, तो एंबुलेंस बीमार को लेकर घंटों खड़ी रही। सड़क पर अफरातफरी का माहौल था।
Post Published By: Jay Chauhan
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Gorakhpur: नाले की खुदाई से थमी शहर की रफ्तार, ट्रांसपोर्ट नगर से नौसढ़ तक घंटों  रेंगते रहे वाहन

Gorakhpur: सोमवार की सुबह गोरखपुर शहर की सबसे व्यस्त सड़क ट्रांसपोर्ट नगर से नौसढ़ तक जाम के जाल में जकड़ गई। घंटों तक वाहन रेंगते रहे, लोग बेबस होकर सड़क पर फंसे रहे। किसी की ट्रेन छूट गई, कोई कचहरी नहीं पहुंच सका, तो कोई बीमार एंबुलेंस में तड़पता रहा। सड़क पर अफरातफरी का माहौल था।

जानकारी  के अनुसार जाम की वजह बनी पांडेय पेट्रोल पंप के सामने नाले की खुदाई और पाइप डालने की प्रक्रिया, जो दिन के व्यस्त समय में शुरू कर दी गई। इससे ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई। सुबह से लेकर दोपहर तक लोगों को घंटों सड़क पर फंसे रहना पड़ा। ट्रांसपोर्ट नगर, मोहद्दीपुर, तारामंडल और नौसढ़ चौराहे तक वाहनों की लंबी कतारें लगी रहीं।

दिन में खुदाई होने से बने जाम के हालात

जाम में फंसे अधिवक्ता सत्यप्रकाश श्रीवास्तव और स्वर्ण व्यवसायी रामजी बर्मा ने नाराजगी जताते हुए कहा कि “यह जिम्मेदार अधिकारियों की नाकामी और कार्यदाई संस्था की लापरवाही का नतीजा है। शहर के मुख्य मार्ग पर ऐसा कार्य रात में या रविवार को किया जाना चाहिए था। सोमवार को जब लोग अपने जरूरी कामों के लिए निकलते हैं, उसी समय खुदाई शुरू कर देना जनता के साथ खिलवाड़ है।”

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लोगों का कहना है कि यह पहली बार नहीं है जब सड़क निर्माण या खुदाई के कारण जाम से शहर ठप हुआ हो। कार्यदाई संस्थाओं के पास न तो समय की समझ है और न ही ट्रैफिक प्रबंधन की कोई ठोस योजना। बिना पूर्व सूचना और वैकल्पिक रूट तय किए नाला खुदाई का काम शुरू कर दिया गया, जिससे यात्रियों, स्कूली बच्चों, व्यापारियों और ऑफिस जाने वालों सभी को भारी परेशानी उठानी पड़ी।

जाम में फंसे कई वाहन चालक और राहगीर खुलेआम कार्यदाई संस्था को कोसते नजर आए। किसी ने कहा  कि अगर रात में या भोर में काम कर लिया जाता तो शहर की रफ्तार नहीं रुकती। कुछ लोगों ने सवाल उठाया कि रविवार को जब सड़कों पर भीड़ कम रहती है, तब यह कार्य क्यों नहीं किया गया?

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लगातार घंटों तक चले इस जाम ने शहरवासियों को त्रस्त कर दिया। लोग प्रशासन और कार्यदाई संस्था से नाराज हैं और मांग कर रहे हैं कि भविष्य में ऐसे कार्य केवल रात्रि या अवकाश के दिनों में ही किए जाएं। ताकि विकास कार्य जनता के लिए परेशानी नहीं, सुविधा बनें।

 

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