गोरखपुर के परिवार परामर्श केंद्र ने लगातार काउंसलिंग और समझाइश के माध्यम से विवादों से जूझ रहे एक दंपत्ति को दोबारा मिलाया। केंद्र की टीम ने धैर्य, संवाद और पारस्परिक सम्मान के महत्व को समझाकर दोनों के बीच की गलतफहमियां दूर कर सफलतापूर्वक उनका परिवार बचाया।

परिवार परामर्श केंद्र की पहल से टूटा हुआ रिश्ता जुड़ा
Gorakhpur: महिला थाना गोरखपुर स्थित परिवार परामर्श केंद्र ने एक बार फिर अपने उद्देश्य और कार्यशैली को सार्थक साबित करते हुए एक टूटते हुए परिवार को बिखरने से बचा लिया है। केंद्र की काउंसलिंग टीम ने आपसी बातचीत, समझदारी और नियमित परामर्श के माध्यम से एक ऐसे दंपत्ति को पुनः मिलाने में सफलता हासिल की, जिनका रिश्ता विवादों की वजह से अलगाव की दहलीज पर पहुंच गया था। यह मामला न केवल केंद्र की सक्रियता का प्रमाण है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि उचित मार्गदर्शन मिलने पर कई परिवारों को बचाया जा सकता है।
जानकारी के अनुसार, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गोरखपुर के निर्देश पर परिवार परामर्श केंद्र कई दिनों से प्रथम पक्ष रम्भा और द्वितीय पक्ष नीरज के बीच चल रहे विवाद को सुलझाने में जुटा हुआ था। दोनों के बीच समय-समय पर छोटे-छोटे मतभेद उत्पन्न होते रहे, जो धीरे-धीरे गंभीर रूप लेते गए। स्थिति इतनी बिगड़ चुकी थी कि दोनों अलग-अलग रहने लगे थे और परिवार तथा समाज द्वारा समझाने के प्रयास भी असफल सिद्ध हो रहे थे। रिश्ते में बढ़ती कड़वाहट और अविश्वास ने उनको पूरी तरह से अलग होने के निर्णय तक पहुंचा दिया था।
ऐसे कठिन समय में परिवार परामर्श केंद्र की काउंसलिंग टीम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। टीम ने पति-पत्नी दोनों को कई चरणों में शांत और सुरक्षित वातावरण में बुलाकर विस्तार से उनकी समस्याएं सुनीं। काउंसलर ने उन्हें धैर्य से काम लेने, बातचीत जारी रखने, पारस्परिक सम्मान बनाए रखने और एक-दूसरे के दृष्टिकोण को समझने की आवश्यकता पर जोर दिया। टीम ने दंपत्ति को यह भी समझाया कि एक परिवार तभी मजबूत बनता है जब उसमें विश्वास और सहयोग की भावना बनी रहे।
केंद्र द्वारा किए गए लगातार प्रयासों का सकारात्मक परिणाम सामने आया। कई बैठकों और काउंसलिंग सत्रों के बाद रम्भा और नीरज के बीच की गलतफहमियां दूर होने लगीं। दोनों ने अपने-अपने मन की बात खुलकर रखी, जिससे उनके भीतर छिपे अविश्वास को कम करने में मदद मिली। अंततः दंपत्ति ने परिवार परामर्श केंद्र के समक्ष यह स्वीकार किया कि वे बिना किसी दबाव के दोबारा साथ रहने और अपने वैवाहिक जीवन को नई शुरुआत देने के लिए तैयार हैं। दोनों ने यह भी भरोसा दिलाया कि वे एक-दूसरे का सम्मान करते हुए और सहयोग करते हुए परिवार को मजबूत बनाने का प्रयास करेंगे।
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इस मामले को सफलतापूर्वक सुलझाने में केंद्र की टीम का महत्वपूर्ण योगदान रहा। काउंसलर वशिष्ठ राय, डॉ. विकास रंजन मणि त्रिपाठी, अवनीश चौधरी, उप निरीक्षक प्रशिक्षु ब्यूटी सिंह, मु. आरक्षी कौशल्या चौहान, आरक्षी ऋतु सिंह, आरक्षी शिखा श्री तथा आरक्षी अंतिमा तिवारी की संयुक्त मेहनत और समझदारी ने इस दंपत्ति को नया जीवन देने का कार्य किया। उनकी टीम भावना और संवेदनशील दृष्टिकोण की हर तरफ सराहना हो रही है।