उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को गोरखपुर के खानिमपुर में टोरेंट समूह द्वारा स्थापित ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट का उद्घाटन किया। यह प्लांट उत्तर प्रदेश का पहला ग्रीन हाइड्रोजन प्रोजेक्ट है, जो स्वच्छ और सतत ऊर्जा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है।

यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ
Gorakhpur: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को गोरखपुर के खानिमपुर में टोरेंट समूह द्वारा स्थापित ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट का उद्घाटन किया। यह प्लांट उत्तर प्रदेश का पहला ग्रीन हाइड्रोजन प्रोजेक्ट है, जो स्वच्छ और सतत ऊर्जा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस प्लांट की वार्षिक उत्पादन क्षमता 72 टन ग्रीन हाइड्रोजन है, जिससे हर साल 500 टन कार्बन उत्सर्जन को रोका जा सकेगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह परियोजना पर्यावरण संरक्षण और ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।
टोरेंट समूह के इस पायलट प्रोजेक्ट के तहत सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क में प्राकृतिक गैस के साथ 2 प्रतिशत ग्रीन हाइड्रोजन का मिश्रण किया जाएगा। यह हाइड्रोजन 2 मेगावाट नवीकरणीय ऊर्जा से विद्युत अपघटन के माध्यम से उत्पादित होगा। टोरेंट समूह के अधिशासी निदेशक डॉ. नरेंद्र कुमार ने बताया कि यह प्लांट वाहनों और रसोई गैस के लिए ईंधन की गुणवत्ता बढ़ाने में सहायक होगा, साथ ही जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को कम करेगा। ग्रीन हाइड्रोजन को भविष्य का ईंधन माना जा रहा है, जो प्रदूषण में कमी लाने के साथ-साथ वाहन संचालन की लागत को भी कम करेगा।
उद्घाटन समारोह में सांसद रवि किशन शुक्ला सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर टोरेंट समूह की सराहना करते हुए कहा कि यह पहल गोरखपुर को स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी बनाएगी। उन्होंने यह भी जोड़ा कि उत्तर प्रदेश सरकार पर्यावरण संरक्षण और औद्योगिक विकास के बीच संतुलन बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।
इसके साथ ही, मुख्यमंत्री ने गोरखपुर में रीजेंसी हेल्थ हॉस्पिटल की नई यूनिट का भी उद्घाटन किया और हॉस्पिटल के पेशेंट ऐप "रीजेंसी माई केयर" को लॉन्च किया। उन्होंने कहा कि गोरखपुर मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में भी तेजी से प्रगति कर रहा है। इस हॉस्पिटल की क्षमता 150 बेड से बढ़ाकर 250 बेड की गई है, जिससे क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाएं और सुदृढ़ होंगी।
यह परियोजना न केवल गोरखपुर बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश के लिए स्वच्छ ऊर्जा और बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। स्थानीय लोगों में इस प्लांट के लाभ और इसके भविष्य के प्रभाव को लेकर उत्साह है।