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बागपत डबल हत्याकांड: चार दोषियों को अंतिम सांस तक जेल में रहना पड़ेगा, मर्डर के 10 साल बाद मिला इंसाफ

यह हत्याकांड चुनावी रंजिश से जुड़ा था। वर्ष 2015 में आरोपियों ने दो सगे भाइयों का अपहरण किया और फिर उनकी गर्दन काटकर हत्या कर दी थी। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
Post Published By: Mayank Tawer
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बागपत डबल हत्याकांड: चार दोषियों को अंतिम सांस तक जेल में रहना पड़ेगा, मर्डर के 10 साल बाद मिला इंसाफ

Baghpat News: जिले के चर्चित शेरपुर लुहारा गांव में वर्ष 2015 में हुए दोहरे हत्याकांड में अदालत ने सोमवार को एक अहम फैसला सुनाया है। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश नीरू शर्मा ने इस हत्याकांड में चार आरोपियों को दोषी करार देते हुए उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही सभी दोषियों पर 75-75 हजार रुपये का आर्थिक दंड भी लगाया गया है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक दोषियों में अमरपाल, वीरसेन, शास्त्री उर्फ धर्मदत्त और मुशर्रफ शामिल हैं। सभी को IPC की कई धाराओं के तहत हत्या, अपहरण और साजिश रचने का दोषी पाया गया। यह फैसला करीब 10 साल पुराने मामले में आया है। जिसने उस समय क्षेत्र में दहशत फैला दी थी।

क्या था मामला?

एडीजीसी (अपर जिला शासकीय अधिवक्ता) अमित खोकर ने बताया कि यह हत्याकांड चुनावी रंजिश से जुड़ा था। वर्ष 2015 में आरोपियों ने दो सगे भाइयों का अपहरण किया और फिर निर्ममता से उनकी गर्दन काटकर हत्या कर दी थी। यह घटना शेरपुर लुहारा गांव में हुई थी और इसके बाद से पूरे इलाके में तनाव का माहौल बन गया था।

10 गवाहों की गवाही हुई

पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल जांच शुरू की थी और चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया था। न्यायालय में चली लंबी सुनवाई के दौरान कुल 10 गवाहों की गवाही दर्ज की गई। जिसमें प्रत्यक्षदर्शियों से लेकर पुलिस और फोरेंसिक विशेषज्ञों की गवाही शामिल थी।

अदालत ने क्या कहा?

अदालत ने अपने फैसले में कहा कि प्रस्तुत साक्ष्य, गवाहों की गवाही और दोनों पक्षों की दलीलों के बाद यह स्पष्ट हो गया कि चारों आरोपियों ने योजनाबद्ध तरीके से अपहरण और हत्या की वारदात को अंजाम दिया। अदालत ने इसे ‘अत्यंत क्रूर और निर्मम हत्या’ करार देते हुए दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

परिवार को मिला इंसाफ

पीड़ित परिवार ने अदालत के इस फैसले पर संतोष जताया और कहा कि दस वर्षों के लंबे संघर्ष के बाद उन्हें इंसाफ मिला है। मृतकों के परिजनों ने प्रशासन और न्यायपालिका का आभार जताते हुए कहा कि भले ही उन्हें अपने बेटों को वापस नहीं मिल सकता, लेकिन अब उन्हें थोड़ी तसल्ली जरूर मिली है कि हत्यारों को उनके किए की सजा मिली।

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