अलीगढ़: देशभर में एक बार फिर कोरोना संक्रमण के मामले सामने आने लगे हैं। उत्तर प्रदेश में भी इसका असर दिखने लगा है और अब अलीगढ़ में बुधवार को पहला कोरोना मरीज मिलने के बाद जिला स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह सतर्क हो गया है। मरीज को दीनदयाल जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसका इलाज जारी है। स्वास्थ्य विभाग की माने तो मरीज की हालत फिलहाल खतरे से बाहर है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, डॉ. सुहेल अंसारी, जिला स्वास्थ्य विभाग अलीगढ़ के अधिकारी ने बताया, सरकार की ओर से जो भी गाइडलाइन जारी की गई है, उसका पूरी तरह पालन किया जा रहा है। जैसे ही जिले में पहला कोरोना पॉजिटिव मरीज मिला, उसे तुरंत जिला अस्पताल में भर्ती करा दिया गया। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों को निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी संदिग्ध व्यक्ति के मिलने पर तुरंत जांच कराई जाए और आवश्यक किट्स उपलब्ध कराई जाएं।
अलीगढ़ में स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर
अलीगढ़ में कोरोना जांच को लेकर भी विशेष सतर्कता बरती जा रही है। जे.एन. मेडिकल कॉलेज और दीनदयाल जिला अस्पताल की लैब को हाई अलर्ट पर रखा गया है। हालांकि फिलहाल सैंपलों की अंतिम पुष्टि के लिए जांच लखनऊ भेजी जा रही है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने स्थानीय स्तर पर भी तैयारी तेज कर दी है।
सीएमओ अलीगढ़ डॉ. नीरज त्यागी ने कहा, हमारे जिले में जैसे ही पहला मरीज सामने आया, हमने सभी सरकारी और निजी अस्पतालों को आवश्यक निर्देश भेज दिए। दवाओं की उपलब्धता, ऑक्सीजन की आपूर्ति और आवश्यक उपकरणों की समीक्षा की जा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि सभी अस्पतालों में आइसोलेशन बेड तैयार रखे गए हैं और स्टाफ को आवश्यक प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है।
दीनदयाल अस्पताल में भर्ती कोरोना पॉजिटिव मरीज
कोरोना के बढ़ते खतरे को देखते हुए आमजन से भी अपील की गई है कि वे सतर्क रहें और भीड़-भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचें। मास्क पहनना, सोशल डिस्टेंसिंग और सैनिटाइजर का प्रयोग अब भी जरूरी है। इसके साथ ही किसी भी प्रकार के लक्षण दिखने पर तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें।
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, जिले में पहले की तरह निगरानी तंत्र को सक्रिय किया गया है। गांवों से लेकर शहर तक आशा और एएनएम कार्यकर्ताओं को भी अलर्ट किया गया है।
फिलहाल जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की प्राथमिकता है कि संक्रमण को फैलने से पहले ही रोका जाए और आमजन को सुरक्षा प्रदान की जाए। अलीगढ़ में यह पहला मामला है, लेकिन यह भविष्य की चुनौती का संकेत हो सकता है।

