Fatehpur: परिवहन विभाग में फैले भ्रष्टाचार के खिलाफ स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए रायबरेली और फतेहपुर के एआरटीओ, पीटीओ समेत 11 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। इन अधिकारियों पर ओवरलोड मौरंग-गिट्टी वाहनों से अवैध वसूली करने और सरकारी राजस्व को नुकसान पहुंचाने का गंभीर आरोप है। एसटीएफ ने दो आरोपितों को गिरफ्तार कर उनके पास से 114 ट्रक और डंपरों की सूची बरामद की है।
एसटीएफ की कार्रवाई
एसटीएफ उपनिरीक्षक अमित कुमार तिवारी ने लालगंज कोतवाली में तहरीर दी कि कई जनपदों में परिवहन विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से ओवरलोड वाहन चलवाए जा रहे हैं। इन वाहनों से प्रतिमाह भारी रकम वसूली जा रही थी। सूचना मिलने पर एसटीएफ ने बड़ी कार्रवाई करते हुए लालगंज-डलमऊ तिराहे के पास स्कार्पियो में बैठे अंबारा पश्चिम निवासी मोहित सिंह को धर दबोचा। तलाशी के दौरान उसके पास से कई एटीएम कार्ड, चेक, नकदी और 114 वाहनों की गाड़ी नंबर सहित सूची बरामद हुई।
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पूछताछ में मोहित सिंह ने चौंकाने वाले खुलासे किए। उसने बताया कि वह फतेहपुर एआरटीओ के चालक सिकंदर को प्रति गाड़ी 2500 रुपये और फतेहपुर पीटीओ के चालक को भी प्रति वाहन 2500 रुपये प्रतिमाह देता था। इसी तरह रायबरेली एआरटीओ के दीवान नौशाद को 3500 रुपये और पीटीओ के चालक को 1500 रुपये प्रति ट्रक या डंपर के हिसाब से दिए जाते थे। मोहित ने यह भी बताया कि वह खुद वाहन स्वामी से प्रति वाहन 500 रुपये कमीशन के रूप में वसूलता था।
सूत्रों के अनुसार, इन 114 वाहनों की सूची संबंधित अधिकारियों को दी जाती थी ताकि इन वाहनों पर न तो चालान हो और न ही किसी तरह की कार्रवाई। इस तरह ओवरलोड वाहन बिना किसी रोक-टोक के चल रहे थे और अधिकारी प्रतिमाह लाखों रुपये की अवैध कमाई कर रहे थे। इतना ही नहीं, ट्रक और डंपर चालकों से लोकेशन देने के नाम पर भी 300 रुपये प्रति ट्रिप लिए जा रहे थे।
कार्रवाई के दौरान एक ओवरलोड वाहन चालक को भी रोका
एसटीएफ की टीम ने कार्रवाई के दौरान एक ओवरलोड वाहन चालक को भी रोका, जिसने स्वीकार किया कि हर चक्कर में उसे 300 रुपये नकद या खाते में देने पड़ते हैं, तभी लोकेशन मिलती है और वाहन बिना रोक-टोक निकल पाता है।
एसटीएफ की तहरीर पर लालगंज कोतवाली में जिन 11 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है, उनमें फतेहपुर एआरटीओ पुष्पांजलि, उनके चालक सिकंदर, फतेहपुर पीटीओ अखिलेश चतुर्वेदी, अशोक तिवारी, रायबरेली एआरटीओ अंबुज, दीवान नौशाद, रायबरेली पीटीओ रेहाना, चालक सुशील, मोहित सिंह, सुनील यादव और मिथुन शामिल हैं।
अपर पुलिस अधीक्षक ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए विस्तृत जांच शुरू कर दी गई है। एसटीएफ की टीम यह भी जांच कर रही है कि अवैध वसूली का यह नेटवर्क किन-किन जिलों में सक्रिय था और इस काले धंधे से अब तक कितना धन वसूला गया।

