Narsingh Maurya, Asothr (Fatehpur): प्रदेशभर में ठगी के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। जहां इसी कड़ी में ठगी का एक और हैरान कर देने वाला मामला जुड़ गया है। फतेहपुर जिले के असोथर थाना क्षेत्र के ग्राम रिठवां में साइबर ठगी का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां ग्राम के एक बीसी प्वाइंट संचालक को दो युवकों ने भरोसे में लेकर हजारों रुपये की ठगी कर ली। मामला सामने आने के बाद बैंक ने तत्काल खाता होल्ड कर दिया, जबकि पीड़िता ने थाने में लिखित तहरीर देकर न्याय की गुहार लगाई है।
UPI के जरिए रचा ठगी का जाल
ग्राम रिठवां निवासी रूपा देवी पत्नी राजबिन्दु ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि उनके पति राजबिन्दु पुत्र रामनारायण गांव में बीसी (बैंकिंग कॉरस्पॉन्डेंट) प्वाइंट संचालित करते हैं। 1 नवंबर 2025 को ग्राम बेरूई निवासी दो युवक उमेश पुत्र शिवराज और राजकरन पुत्र श्यामपाल पासी उनके प्वाइंट पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि उमेश की बहन की तबियत बहुत खराब है और उन्हें तत्काल पैसों की जरूरत है। दोनों ने कहा कि “हम UPI से पैसे आपके खाते में डाल रहे हैं, आप हमें नकद दे दीजिए।”
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भरोसे का फायदा उठाकर ठगे रुपये
दोनों युवकों की बातों पर भरोसा करते हुए राजबिन्दु ने उनके अकाउंट में दिखाए गए ट्रांजैक्शन के आधार पर पैसे दे दिए। राजकरन ने पहले ₹17,170 और उसके बाद ₹4,000 रुपये भेजे। कुल ₹21,170 का लेन-देन दिखने पर राजबिन्दु ने नकद राशि दोनों युवकों को दे दी। लेकिन अगले ही दिन बैंक से जानकारी मिली कि यह ट्रांजैक्शन साइबर फ्रॉड से जुड़ा हुआ है। इस पर बैंक ने तुरंत उनका खाता होल्ड कर दिया।
पीड़िता ने थाने में दी तहरीर
घटना की जानकारी मिलते ही रूपा देवी ने थाने में जाकर दोनों आरोपियों उमेश और राजकरन के खिलाफ तहरीर दी। उन्होंने बताया कि युवकों ने झूठी कहानी बनाकर उन्हें ठगा है और अब उनके खाते पर भी रोक लग गई है, जिससे उनका बैंकिंग काम पूरी तरह ठप हो गया है।
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पुलिस ने की कार्रवाई, जांच जारी
थाना प्रभारी अभिलाष तिवारी ने बताया कि मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और जांच की जिम्मेदारी उपनिरीक्षक वीर सिंह को सौंपी गई है। उन्होंने कहा कि प्रारंभिक जांच में साइबर फ्रॉड के तत्व स्पष्ट हैं। आरोपियों की गिरफ्तारी और फ्रॉड की तकनीकी जांच के लिए सर्विलांस टीम को भी लगाया गया है।

