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रायबरेली में डीएम का एक्शन, भ्रामक आख्या पेश करने वाले लेखपाल और चकबंदी अधिकारी सस्पेंड

जमीन के मामले में गलत आख्या पेश करने वाले लेखपाल व कानून को जिलाधिकारी द्वारा सस्पेंड किया गया है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
रायबरेली में डीएम का एक्शन, भ्रामक आख्या पेश करने वाले लेखपाल और चकबंदी अधिकारी सस्पेंड

रायबरेली: भ्रामक आख्या प्रस्तुत करने पर चकबंदी लेखपाल और चकबंदी अधिकारी ( कानूनगो ) को जिलाधिकारी द्वारा निलंबित किया गया है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार महराजगंज तहसील में 17 मई को सम्पूर्ण समाधान दिवस पर राम प्रताप पुत्र रमई नि० रमपुरा मजरे बावन बुजुर्ग बल्ला तहसील महराजगंज द्वारा मण्डलायुक्त रोशन जैकब के समक्ष शिकायती प्रार्थना पत्र दिया गया था। जिसमे बताया गया कि गाटा संख्या 300, 307, 310, 296, 305, 308 व 318 आदि पर विपक्षी द्वारा कब्जा किया गया है। इस सम्बन्ध में शिकायत के निस्तारण में मण्डलायुक्त द्वारा जिलाधिकारी हर्षिता माथुर को राजस्व एवं चकबन्दी विभाग की टीम गठित करके जांच करने एवं कार्यवाही करने सम्बन्धी निर्देश दिया गया।

जिसके बाद जिलाधिकारी हर्षिता माथुर के निर्देश पर तहसीलदार महराजगंज एवं चकबन्दी अधिकारी हरचन्दपुर की गठित संयुक्त टीम द्वारा 19 मई को परिवादी की उपस्थिति में स्थल पर जाँच की गयी। उच्च अधिकारियों के आदेश की अवहेलना करने एवं विभिन्न पोर्टलों पर आईजीआरएस, जनता दर्शन, तहसील दिवस व थाना दिवस एवं चकबन्दी आयुक्त व शासन द्वारा प्राप्त सन्दर्भों में भ्रामक आख्या प्रस्तुत करने करने के सम्बन्ध में दो अधिकारी दोषी पाये गए।

जिसके बाद लेखपाल नागेन्द्र प्रताप और चकबन्दी लेखपाल और राकेश कुमार चकबंदीकर्ता( कानूनगो) क्षेत्र हरचन्दपुर प्रथम तहसील महराजगंज पर कड़ी कार्यवाही करते हुए तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया गया। और विभागीय कार्यवाही प्रचलित कर दी गई है।

गौरतलब है कि 17 मई को मंडलायुक्त लखनऊ डॉ रोशन जैकब ने जिलाधिकारी हर्षिता माथुर के साथ संपूर्ण समाधान दिवस के अवसर पर तहसील महाराजगंज में लोगों की समस्याएं सुनी थी। उनके सामने सर्वाधिक राजस्व और विद्युत विभाग के साथ चकबंदी, पारिवारिक झगड़े, स्वास्थ्य, ग्राम पंचायत, पेंशन आदि से संबंधित शिकायतें आयीं थी। उन्होंने चकबंदी की शिकायत पर जिलाधिकारी हर्षिता माथुर को निर्देश दिया कि मामले की जांच कमेटी बनाकर कराई जाए और लापरवाही पाए जाने पर संबंधित पर विभागीय कार्यवाही सुनिश्चित कराई जाए। जिसके बाद जिलाधिकारी द्वारा यह कार्रवाही की गई है।

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