Barabanki News: जिले के प्रशासनिक अमले ने मंगलवार को जिला कारागार बाराबंकी का औचक निरीक्षण कर जेल प्रशासन और व्यवस्था की सख्त मॉनिटरिंग की। जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी और पुलिस अधीक्षक अर्पित विजयवर्गीय ने संयुक्त रूप से जेल का दौरा किया और बैरकों से लेकर महिला कैदियों और किशोरों के वार्ड तक का गहन निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने जेल परिसर की सफाई व्यवस्था, सीसीटीवी निगरानी प्रणाली, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग रूम, महिला बैरक और किशोर सदन (जहाँ 18 से 21 वर्ष की आयु के बंदी रखे जाते हैं) समेत सभी प्रमुख हिस्सों का गहनता से मूल्यांकन किया।
सभी व्यवस्थाएं मानक के अनुसार हों: डीएम
जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी ने निरीक्षण के दौरान स्पष्ट रूप से निर्देश दिए कि जेल प्रशासन समस्त व्यवस्थाओं को तय मानकों के अनुरूप बनाए रखे, जिससे बंदियों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो। उन्होंने कहा, “जेल एक सुधार गृह है और बंदियों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराना हमारी जिम्मेदारी है। किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”
बंदियों से किया संवाद, सुनी समस्याएं
निरीक्षण का मुख्य आकर्षण वह क्षण रहा जब जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने बंदियों से आमने-सामने संवाद किया। उन्होंने बंदियों से खाद्य गुणवत्ता, चिकित्सा सुविधाओं, परिसर की स्वच्छता और रोजगार प्रशिक्षण जैसी व्यवस्थाओं को लेकर सवाल पूछे और उनकी समस्याओं को गंभीरता से सुना। कुछ बंदियों ने इलाज में देरी, परिवार से वीडियो कॉल की सुविधा में समस्या तथा सर्दियों में पर्याप्त कंबल व गर्म कपड़े न मिलने की शिकायतें दर्ज कराईं। अधिकारियों ने संबंधित जेल कर्मियों को निर्देश दिए कि इन समस्याओं का त्वरित समाधान सुनिश्चित किया जाए।
सीसीटीवी और सुरक्षा पर विशेष जोर
एसपी अर्पित विजयवर्गीय ने जेल परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरों की स्थिति और कवरेज का गहन निरीक्षण किया और सुरक्षा व्यवस्था का आकलन किया। उन्होंने कहा, “जेल की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। सीसीटीवी निगरानी प्रणाली को हर समय क्रियाशील रखना अनिवार्य है। यदि किसी कैमरे में खराबी पाई गई है, तो उसे तुरंत दुरुस्त किया जाए।”
स्वच्छता व्यवस्था की सराहना, सुधार के निर्देश
निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने जेल परिसर की सफाई व्यवस्था की समीक्षा की और कुछ स्थानों की स्थिति पर संतोष व्यक्त किया, हालांकि कुछ बिंदुओं पर सुधार के निर्देश भी दिए गए। उन्होंने कहा कि कैदियों को स्वच्छ और सम्मानजनक वातावरण देना हर व्यवस्था का आधार होना चाहिए।