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अवैध उगाही में दोषी पाए गए कंप्यूटर ऑपरेटर को कार्यमुक्त, ऊर्जा निगम में मचा हड़कंप, पढ़ें पूरी खबर

जिले में अवैध उगाही में दोषी पाए गए कंप्यूटर ऑपरेटर को कार्यमुक्त कर दिया गया। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
Post Published By: Asmita Patel
Published:
अवैध उगाही में दोषी पाए गए कंप्यूटर ऑपरेटर को कार्यमुक्त, ऊर्जा निगम में मचा हड़कंप, पढ़ें पूरी खबर

हापुड़: जनपद हापुड़ के गढ़मुक्तेश्वर क्षेत्र से एक बड़ा भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। ऊर्जा निगम के विद्युत वितरण खंड के अधिशासी अभियंता कार्यालय में तैनात आउटसोर्सिंग कंप्यूटर ऑपरेटर को अवैध उगाही के मामले में दोषी पाया गया।

डाइनामाइट न्यूज़ सवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार, आउटसोर्सिंग कंप्यूटर ऑपरेटर को तत्काल प्रभाव से कार्यमुक्त कर दिया गया है। इस कार्रवाई से विभाग के अन्य कर्मचारियों में भी हड़कंप मच गया है।

रजनीश कुमार पर लगे थे उगाही के आरोप

जानकारी के अनुसार, आउटसोर्सिंग कंप्यूटर ऑपरेटर रजनीश कुमार पर उपभोक्ताओं से काम के बदले अवैध रूप से पैसे वसूलने का आरोप लगाया गया था। आरोपों की गंभीरता को देखते हुए अधीक्षण अभियंता एस.के. अग्रवाल ने इसकी जांच के आदेश दिए थे। जांच में रजनीश कुमार को दोषी पाया गया। जिसके बाद उसे तत्काल प्रभाव से कार्यमुक्त कर दिया गया।

ऊर्जा विभाग में आउटसोर्सिंग कर्मचारियों का बढ़ता दबदबा

इस मामले ने ऊर्जा विभाग की कार्यप्रणाली पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। विभाग में तैनात आउटसोर्सिंग कर्मचारियों का दबदबा इस कदर बढ़ चुका है कि वे अधिकारियों की जानकारी या सहमति के बिना ही उपभोक्ताओं से अवैध उगाही कर रहे हैं। ऐसे कर्मचारी आम उपभोक्ताओं को डराकर और दबाव बनाकर पैसे वसूलते हैं। जो उपभोक्ता पैसे नहीं देते, उन्हें तरह-तरह से परेशान किया जाता है। जिससे वे मानसिक और आर्थिक तनाव का शिकार हो जाते हैं।

जांच के बाद की गई कार्रवाई

अधिक्षण अभियंता एस.के. अग्रवाल ने बताया हमें कंप्यूटर ऑपरेटर रजनीश कुमार के खिलाफ कई शिकायतें प्राप्त हुई थीं। आरोपों की पुष्टि के लिए हमने जांच करवाई, जिसमें वह दोषी पाया गया। विभागीय शुचिता और अनुशासन को बनाए रखने के लिए उसे कार्यमुक्त कर दिया गया है।

विभाग में मचा हड़कंप

इस कार्रवाई के बाद विद्युत विभाग के अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों में भी चिंता की लहर दौड़ गई है। माना जा रहा है कि विभाग में मौजूद अन्य भ्रष्ट तत्वों के खिलाफ भी जांच की जा सकती है। कई कर्मचारी अब सतर्क हो गए हैं और अपने व्यवहार में बदलाव लाने की कोशिश कर रहे हैं।

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