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Gonda News: गोंडा में तंत्र-मंत्र का बड़ा खेल! बेटी की गई जान, मचा हड़कंप

यूपी के गोंडा में एक दरगाह पर झाड़-फूंक के दौरान बुखार से पीड़ित किशोरी की मौत हो गई। पढ़ें डाइनामाइट न्यूज की पूरी खबर
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Gonda News: गोंडा में तंत्र-मंत्र का बड़ा खेल! बेटी की गई जान, मचा हड़कंप

गोंडा:  यूपी के गोंडा में शनिवार को एक दरगाह पर झाड़-फूंक के दौरान बुखार से पीड़ित किशोरी की मौत हो गई। इससे स्थानीय लोग भड़क गए। उन्होंने पुलिस को सूचना दी।

डाइनामाइट न्यूज के मुताबिक,  सूचना पर पहुंची पुलिस ने घटना की जानकारी ली और मामले की जांच शुरू कर दी है।

क्या है पूरा मामला

मामला नवाबगंज  गांव के धर्मपुरवा स्थित दरगाह का है। कनकपुर गांव निवासी बाबा ने बताया कि उनकी 17 वर्षीय बेटी कविता एक सप्ताह से तेज बुखार से पीड़ित थी। पहले वह उसे अयोध्या के श्रीराम अस्पताल में डॉक्टर के पास ले गए, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। इसी बीच कुछ लोगों ने उन्हें हजरत गुप्ती शहीद शाह की दरगाह के बारे में बताया। इसके बाद वह यहां आकर उसकी झाड़-फूंक कराने लगे। गुरुवार को वह अपनी बेटी कविता और पत्नी गुड्डी के साथ दरगाह आए। तीन दिन तक बाबा झाड़-फूंक करते रहे। इस दौरान हालत बिगड़ती चली गई। शनिवार दोपहर कविता की दरगाह पर ही मौत हो गई। स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दी। इसके बाद कार्रवाई शुरू की गई। नवाबगंज कस्बे के पास गुप्ती शहीद शाह की दरगाह है। यहां अक्सर लोगों का जमावड़ा लगा रहता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां आसपास के इलाकों से लोग झाड़-फूंक के लिए आते हैं।

परिजनों ने नहीं दी तहरीर

दरगाह के संचालन के लिए एक कमेटी भी बनाई गई है। बाहर से आने वाले लोग दरगाह में ही बने आवास में रुकते भी हैं। जानकारी के मुताबिक, टाइफाइड, मलेरिया या डेंगू बुखार का समय पर इलाज न होने पर शरीर और दिमाग में संक्रमण फैल जाता है। ऐसे में झाड़-फूंक के चक्कर में न पड़ें। अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र या मेडिकल कॉलेज में इलाज कराएं। बुखार या अन्य कोई परेशानी होने पर गांव की आशा बहू, एएनएम और सीएचओ को बताएं। थाना प्रभारी अभय सिंह ने बताया कि बच्ची की मौत की सूचना पाकर वह खुद मौके पर गए थे। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। तहरीर के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। परिजनों ने कोई तहरीर नहीं दी है। पीड़ित बाबा की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। वह ऑटो चलाता है। उनका बेटा गांव में ट्रैक्टर चलाकर परिवार का भरण-पोषण कर रहा है।

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