Gorakhpur News: गोरखपुर में बढ़ते साइबर अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण और पुलिस की कार्यक्षमता को बढ़ाने के उद्देश्य से गोरखपुर पुलिस ने एक महत्वपूर्ण पहल की है। शनिवार (2 अगस्त 2025) को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) राज करन नय्यर के निर्देशन और पुलिस अधीक्षक (अपराध) के नेतृत्व में पुलिस लाइन स्थित व्हाइट हाउस सभागार में साइबर क्राइम सेल, अपराध शाखा द्वारा एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य जनपद के सभी थानों पर नियुक्त साइबर सेल टीमों को साइबर अपराधों से निपटने के लिए प्रशिक्षण देना तथा I4C (भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र) द्वारा संचालित विभिन्न साइबर पोर्टलों के संचालन में दक्ष बनाना था।
एसएसपी ने दिया साइबर सुरक्षा पर जोर
कार्यशाला में जनपद के सभी थानों के साइबर नोडल अधिकारी, साइबर हेल्प डेस्क कर्मचारी और कंप्यूटर ऑपरेटर शामिल हुए। इन्हें विभिन्न पोर्टलों के माध्यम से साइबर अपराधों की शिकायतों के निस्तारण, डाटा ट्रैकिंग, डिजिटल सबूतों के संरक्षण और तकनीकी विश्लेषण जैसे पहलुओं पर विस्तृत प्रशिक्षण दिया गया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री राज करन नय्यर ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा, “डिजिटल युग में साइबर अपराध तेजी से बढ़ते हुए एक गंभीर चुनौती बन गए हैं। ऑनलाइन ठगी, फिशिंग, बैंक फ्रॉड और डेटा चोरी जैसी घटनाएं आम हो गई हैं। ऐसे में हमारी पुलिस फोर्स को तकनीकी रूप से दक्ष और जागरूक होना जरूरी है।” उन्होंने यह भी कहा कि साइबर क्राइम सेल और हेल्प डेस्क की सक्रियता से आम जनता में विश्वास बढ़ेगा और अपराधों पर प्रभावी अंकुश लगेगा।
अगर आप हो तो शिकार तो क्या करें?
कार्यशाला में टोल-फ्री नंबर 1930 और राष्ट्रीय साइबर अपराध पोर्टल (cybercrime.gov.in) के उपयोग पर विशेष जानकारी दी गई। इसके अतिरिक्त नागरिकों को साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक करने, सोशल मीडिया और ऑनलाइन ट्रांजेक्शन में सतर्कता बरतने के लिए दिशा-निर्देश साझा किए गए। पुलिस अधीक्षक (अपराध) ने सभी कर्मचारियों को साइबर अपराधों की त्वरित जांच, तकनीकी साक्ष्य के संग्रह और साइबर अपराधियों की पहचान कर उन्हें न्याय के कठघरे तक लाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि जनता की मदद और तकनीकी संसाधनों का उचित उपयोग ही साइबर अपराधों के खिलाफ हमारी सबसे बड़ी ताकत है।
पुलिस की अपील
गोरखपुर पुलिस ने आम नागरिकों से भी अपील की है कि वे साइबर अपराधों से बचने के लिए सतर्क रहें। किसी भी संदिग्ध ऑनलाइन गतिविधि की सूचना तुरंत साइबर क्राइम सेल को दें और किसी भी फ्रॉड की स्थिति में 1930 या cybercrime.gov.in के माध्यम से शिकायत दर्ज करें।