बाराबंकी: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी पुलिस की साख सवालों के घेरे में आ गई है। वजह वायरल हो रही एक तस्वीरें हैं, जिसमें अवैध असलहे के आरोप में जेल भेजे गए शख्स से थाने के प्रभारी इंस्पेक्टर सहित पुलिस टीम मोमेंटो लेकर सम्मान लेती नजर आ रही है। सोशल मीडिया में तस्वीर वायरल होने पर हड़कंप मच गया। फजीहत के बाद कुर्सी थाने के इंस्पेक्टर अनिल सिंह ने गलती स्वीकार की है। वहीं सेल्फी लेने वाले एक सिपाही को एसपी अर्पित विजयवर्गीय ने लाइन हाजिर किया है।
क्या है पूरा मामला
बाराबंकी के कुर्सी थाने में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर थाने की पुलिस ने अवैध तमंचों के आरोप में जेल भेजे गए आरोपी से सम्मान लिया। दरअसल कुर्सी थाना क्षेत्र के निवासी मोहम्मद निजाम को कुर्सी थाने में मुख्य अतिथि के रूप में बुलाया गया था।
थाने के पर अतिथि के रूप में आए मोहम्मद निजाम को बड्डूपुर थाने की पुलिस ने बीते 1 मार्च 2025 को पकड़ा था। आरोपी के कब्जे से दो अवैध तमंचे, तीन जिंदा कारतूस, बजाज प्लैटिना मोटर साइकिल बरामद हुई थी। फिर उसे आर्म्स एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा गया था। 15 अगस्त पर ध्वजारोहण के बाद मोहम्मद निजाम ने थाना प्रभारी अनिल सिंह को मोमेंटो देकर सम्मानित किया। इस बीच थाने के सभी पुलिसकर्मियों ने मोहम्मद निजाम के साथ फोटो भी खिंचवाई।
तस्वीर वायरल होते ही लोग सवाल उठाने लगे…
थाने में पुलिसकर्मियों के सामने थाना प्रभारी अनिल सिंह की जेल गए आरोपी मोहम्मद निजाम से मोमेंटो लेते और सिपाही नरेंद्र यादव की सेल्फी वाली फोटो सोशल मीडिया में वायरल हो गई। सोशल मीडिया पर यूजर्स ने आरोपी की ताजा तस्वीरों के साथ गिरफ्तारी की दूसरी फोटो डाल कर पुलिस पर तंज कसना शुरू कर दिया। सोशल मीडिया पर तस्वीर वायरल होते ही लोग सवाल उठाने लगे, क्या अब पुलिस से सम्मान पाएगी, जिन्हें वह जेल भेज चुकी है।
सोशल मीडिया पर बाराबंकी पुलिस की फजीहत के बाद थाना प्रभारी अनिल सिंह ने बताया कि युवक हर साल थाने पर कार्यक्रम करने आता था। इस बार पहचान करने में गलती हो गई। पता नहीं था कि ये अवैध असलहों के साथ पकड़ा गया और जेल जा चुका आरोपी है। उन्होंने कहा कि उससे मोमेंटो लेना हमारी बड़ी भूल थी।
आरोपी शख्स के साथ थाने परिसर में सेल्फी लेने वाले सिपाही नरेंद्र यादव को एसपी अर्पित विजयवर्गीय ने लाइन हाजिर कर दिया है। फिलहाल इस घटना ने पुलिस की छवि पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि आमजन के बीच भरोसे पर भी चोट की है। मामला अब उच्चाधिकारियों तक पहुंच गया है। पुलिसकर्मियों की इस हरकत पर जांच की मांग उठने लगी है।