नई दिल्ली: अहमदाबाद एयरपोर्ट पर हुए विमान हादसे के बाद बोइंग को एक और बड़ा झटका लग सकता है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, भारत सरकार बोइंग ड्रीमलाइनर 787-8 विमानों की उड़ानों पर अस्थायी रोक लगाने पर गंभीरता से सोच कर रही है। यह फैसला उस हादसे की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के आधार पर लिया जा सकता है, जिसने सुरक्षा मानकों पर कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
एयरलाइंस और बोइंग के लिए बड़ा झटका
कहा जा रहा है कि भारतीय नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) और अमेरिकी विमानन एजेंसियों के बीच इस विषय को लेकर बातचीत चल रही है। बोइंग 787-8 विमानों के संचालन को लेकर तमाम पहलुओं पर मंथन हो रहा है। यदि जांच में तकनीकी गड़बड़ी या रखरखाव की चूक सामने आती है, तो यह एयरलाइंस और बोइंग दोनों के लिए बड़ा झटका हो सकता है।
एअर इंडिया भी जांच के घेरे में
इस पूरे मामले में एअर इंडिया भी जांच के घेरे में आ गई है। दरअसल, जिन विमानों का संचालन एअर इंडिया कर रही है, उनमें से कुछ ड्रीमलाइनर 787-8 श्रेणी के हैं। पूर्व नागरिक उड्डयन संयुक्त सचिव सनत कौल ने इस संबंध में कहा कि DGCA पहले भी एअर इंडिया को सुरक्षा उपायों और तकनीकी खामियों को लेकर पत्र भेज चुका है। यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि क्या रखरखाव के मानकों में कहीं चूक हुई?
यह पहली बार नहीं है जब बोइंग 787-8 विमानों को लेकर चिंता जताई गई हो। साल 2013 में इस फ्लीट की लिथियम-आयन बैटरी में आग लगने के मामले सामने आए थे, जिसके चलते अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इन विमानों को लगभग तीन महीनों के लिए ग्राउंड कर दिया गया था। अब अगर अहमदाबाद की घटना में इंजन फेलियर या अन्य तकनीकी कमी की पुष्टि होती है, तो 787-8 विमानों की उड़ानों पर फिर से लंबे समय के लिए रोक लग सकती है।
एअर इंडिया के अंदरूनी सिस्टम और मेंटेनेंस रिकॉर्ड की भी समीक्षा शुरू हो गई है। इससे साफ है कि हादसे की आंच सिर्फ एक विमान निर्माता पर नहीं, बल्कि एयरलाइन के संचालन तंत्र पर भी पड़ने वाली है।
सरकारी स्तर पर अंतिम निर्णय जांच रिपोर्ट के आधार पर लिया जाएगा, लेकिन संकेत साफ हैं – अब उड़ान सिर्फ हवा में नहीं, भरोसे में भी होनी चाहिए।