गोरखपुर में सीएम के नाम सौंपा ज्ञापन, कहा- जरूरत पड़ी तो आंदोलन भी करेंगे

गोरखपुर के सहजनवां ब्लॉक में ग्राम सचिवों ने ऑनलाइन हाजिरी प्रणाली के विरोध में जोरदार प्रदर्शन किया। सचिवों ने कहा कि कई ग्राम पंचायतों में तैनाती, खराब नेटवर्क और तकनीकी सीमाओं के कारण डिजिटल उपस्थिति देना संभव नहीं है।

Post Published By: Mayank Tawer
Updated : 6 December 2025, 1:28 AM IST

Gorakhpur: सहजनवां ब्लॉक मुख्यालय पर शुक्रवार को ग्राम पंचायतों में तैनात ग्राम सचिवों ने ऑनलाइन हाजिरी प्रणाली के विरोध में जमकर प्रदर्शन किया। प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर आयोजित इस विरोध कार्यक्रम में बड़ी संख्या में सचिव शामिल हुए और ब्लॉक परिसर में धरना देकर सरकार से अपनी समस्याओं के समाधान की मांग उठाई। प्रदर्शनकारियों ने खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) सत्यकाम तोमर के माध्यम से मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा और ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करने की अनिवार्यता को तत्काल समाप्त करने की मांग की।

धरने में मौजूद ग्राम सचिवों का कहना था कि प्रदेश में बड़ी संख्या में सचिवों की तैनाती एक से अधिक ग्राम पंचायतों में है। ऐसे में विभिन्न गांवों में लगातार भ्रमण करते हुए समयानुसार ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज कराना व्यावहारिक रूप से संभव नहीं है। ग्रामीण क्षेत्रों में नेटवर्क की खराब स्थिति और तकनीकी सीमाएं इस चुनौती को और बढ़ा देती हैं। सचिवों ने बताया कि कई बार नेटवर्क न मिलने के कारण ऐप नहीं चलता, जिससे उन्हें अनावश्यक रूप से अनुपस्थित दर्शाने का खतरा बना रहता है। उन्होंने इसे ‘‘तकनीकी बोझ’’ बताते हुए कहा कि वर्तमान व्यवस्था उनके फील्ड वर्क के साथ तालमेल नहीं बैठा पा रही।

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ग्राम सचिवों ने यह भी कहा कि वे पंचायत स्तर की विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन से लेकर जनसमस्याओं के समाधान तक प्रतिदिन कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाते हैं। ऐसे में समय का बड़ा हिस्सा गांवों में भ्रमण, बैठकें और योजनाओं की मॉनिटरिंग में गुजरता है। इस परिस्थिति में मोबाइल आधारित उपस्थिति प्रणाली उनके काम को आसान करने के बजाय उल्टा बाधित कर रही है।

सचिवों ने उठाई कई प्रमुख मांगें

धरने के दौरान सचिवों ने सरकार के सामने महत्वपूर्ण मांगें रखीं। उन्होंने कहा कि रोजगार सेवक, पंचायत सहायक और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की न्यूनतम शैक्षिक योग्यता इंटरमीडिएट कर दी जाए, जिससे पंचायत प्रशासन की कार्यकुशलता बढ़े और कार्यों में पारदर्शिता आए।

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इसके साथ ही ग्राम सचिवों ने वाहन भत्ता, मोबाइल भत्ता और आधिकारिक उपयोग के लिए यूसीजी सिम कार्ड उपलब्ध कराने की मांग भी की। उनका कहना था कि एक से अधिक ग्राम पंचायतों की जिम्मेदारी निभाने में वाहन और मोबाइल दोनों ही उनकी मुख्य जरूरतें हैं, लेकिन फिलहाल उन्हें इन सुविधाओं का कोई समर्थन नहीं मिलता।

"सिर्फ ग्राम सचिव ही क्यों?"

विरोध प्रदर्शन कर रहे सचिवों ने कहा कि यदि सरकार ऑनलाइन हाजिरी प्रणाली लागू रखना ही चाहती है, तो इसे केवल ग्राम सचिवों तक सीमित न रखा जाए। उन्होंने मांग उठाई कि पंचायत क्षेत्र में कार्यरत सभी विभागोंस्वास्थ्य, शिक्षा, आंगनबाड़ी, मनरेगा और अन्य सरकारी कार्मिकोंको भी इस प्रणाली के दायरे में लाया जाए। सचिवों का तर्क था कि ‘‘समानता और पारदर्शिता’’ तभी संभव होगी जब सभी विभाग एक ही व्यवस्था का पालन करेंगे।

सरकार को चेतावनी, आंदोलन तेज करने की तैयारी

धरने के दौरान सचिवों ने नारेबाजी कर सरकार को चेतावनी दी कि यदि उनकी समस्याओं पर शीघ्र विचार नहीं किया गया, तो वे आंदोलन को और व्यापक रूप देने के लिए बाध्य होंगे। सचिवों का कहना है कि उनकी मांगें जमीन की हकीकत पर आधारित हैं और प्रशासनिक व्यवस्था को मजबूत बनाना ही इसका मूल उद्देश्य है।

धरने में विनय कुमार, लोकेश कुमार, सुषमा चौबे, मनेंद्र कुमार, गौरव द्विवेदी, हेमंत सिंह, शिल्पी यादव, प्रतिमा सिंह, गौरी सिंह, अभय कुमार, गौतम कुमार और रामेश्वर यादव सहित बड़ी संख्या में सचिव मौजूद रहे। सभी ने एक स्वर में कहा कि सरकार उनकी बात को गंभीरता से सुने और पंचायत प्रशासन को सुचारु रूप से संचालित करने हेतु आवश्यक सुधार तुरंत लागू करे।

Location : 
  • Gorakhpur

Published : 
  • 6 December 2025, 1:28 AM IST