Site icon Hindi Dynamite News

हापुड़ के 37 स्कूल मिट्टी में मिलेंगे, जानिए डीएम ने क्यों लिया इतना बड़ा फैसला

हापुड़ जिले में प्राथमिक स्कूलों की जर्जर इमारतों को लेकर बड़ा कदम उठाया गया है। तकनीकी परीक्षण के बाद 37 स्कूलों को पूरी तरह या आंशिक रूप से ध्वस्त करने का निर्णय लिया गया है। यह कार्रवाई बच्चों की सुरक्षा के मद्देनजर की जा रही है। जिलाधिकारी के निर्देश पर जांच करवाई गई थी। जिसमें यह तथ्य सामने आया। कुछ अन्य स्कूलों की रिपोर्ट आना बाकी है।
Post Published By: Mayank Tawer
Published:
हापुड़ के 37 स्कूल मिट्टी में मिलेंगे, जानिए डीएम ने क्यों लिया इतना बड़ा फैसला

Hapur News: जनपद हापुड़ में प्राथमिक विद्यालयों की जर्जर होती स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन ने बड़ा फैसला लिया है। अवर अभियंताओं की तकनीकी रिपोर्ट के आधार पर जिले के 37 स्कूलों को पूरी तरह या आंशिक रूप से ध्वस्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इस कदम का मुख्य उद्देश्य बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। जिलाधिकारी अभिषेक पांडेय ने तत्परता दिखाते हुए जिले के सभी स्कूलों की हालत की जांच के आदेश दिए।

450 स्कूलों में से 250 की स्थिति संदेहास्पद

जांच में सामने आया कि जिले में बेसिक शिक्षा विभाग के कुल 450 विद्यालय संचालित हैं। इनमें से 250 स्कूल ऐसे हैं, जिनका तकनीकी परीक्षण जरूरी माना गया। इसके लिए प्रशासन ने लोक निर्माण विभाग, नगर निगम और पंचायत विभाग आदि के अवर अभियंताओं की टीमों का गठन किया।

रिपोर्ट में हुआ खुलासा

जिलाधिकारी द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार विभिन्न क्षेत्रों के विद्यालयों का परीक्षण किया गया, जिनमें विकास खंड गढ़मुक्तेश्वर के 31, नगर क्षेत्र गढ़ के 2, विकास खंड हापुड़ के 108, विकास खंड सिंभावली के 44, विकास खंड धौलाना के 35, नगर क्षेत्र हापुड़ के 22 और नगर क्षेत्र पिलखुवा के 3 विद्यालय शामिल थे।

रिपोर्ट बनी जिलाधिकारी कार्यालय में

बेसिक शिक्षा अधिकारी रितु तोमर ने बुधवार को प्रारंभिक रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपी, लेकिन यह रिपोर्ट स्पष्ट नहीं थी। इस पर डीएम पांडेय ने सभी संबंधित अधिकारियों को कलक्ट्रेट तलब किया और वहीं पर पूरी रिपोर्ट दोबारा तैयार करवाई गई। शाम तक पूरी रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंप दी गई। रिपोर्ट के मुताबिक 37 स्कूल ऐसे पाए गए हैं, जिनमें संरचनात्मक स्थिति बेहद खराब है। इनमें कुछ स्कूलों की छतें, दीवारें, रसोईघर और शौचालय इतने कमजोर हैं कि कभी भी गिर सकते हैं।

बच्चों को शिफ्ट किया जाएगा

प्रशासन ने निर्णय लिया है कि इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को पास के अन्य सुरक्षित विद्यालयों में स्थानांतरित किया जाएगा। इसके अलावा 12 ऐसे स्कूलों को पहले ही ध्वस्तीकरण के आदेश दिए जा चुके थे। अब उन्हें भी एक साथ ध्वस्त करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

डीएम ने कही सख्त बात

जिलाधिकारी अभिषेक पांडेय ने कहा, “जिन स्कूलों को जर्जर घोषित किया गया है। उनके ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू की जा रही है। बच्चों की सुरक्षा हमारे लिए सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसमें कोई कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”

Exit mobile version