ग्रेटर नोएडा: आज हम एक ऐसे घटना की बात करेंगे, जो केवल एक परिवार की त्रासदी नहीं है, बल्कि पूरे समाज के लिए एक आईना है। सवाल यह है कि आखिर हमारा समाज किस दिशा में जा रहा है, जहां एक पति अपनी ही पत्नी को इतनी बेरहमी से मौत के घाट उतार देता है। विवाह, जो दो आत्माओं के मिलन का पवित्र बंधन माना जाता है, कैसे किसी के लिए मौत का कारण बन जाता है। एक लड़की जो अपने माता-पिता का घर, अपना बचपन और अपना संसार छोड़कर अपने पति के घर आती है, वह कभी सपने में भी नहीं सोच सकती कि वही जीवनसाथी एक दिन उसकी जान ले लेगा। यह सिर्फ निक्की पायला की कहानी नहीं है, बल्कि उन हजारों-लाखों लड़कियों की हकीकत है, जो दहेज की बलि चढ़ाई जाती हैं। ग्रेटर नोएडा में निक्की पायला के साथ हुई घटना ने पूरे इलाके को झकझोर दिया है।
वरिष्ठ पत्रकार मनोज टिबड़ेवाल आकाश ने अपने चर्चित शो The MTA Speaks में निक्की पायला की हत्या पर सटीक विश्लेषण किया है।
क्या है पूरी घटना?
जानकारी के अनुसार, सिरसा गांव में रहने वाली निक्की पायला की शादी वर्ष 2016 में विपिन भाटी से हुई थी। शादी में स्कॉर्पियो कार समेत पर्याप्त दहेज दिया गया, लेकिन इसके बावजूद पति और उसके परिवार की मांग कभी खत्म नहीं हुईं। समय-समय पर 35 लाख रुपये अतिरिक्त दहेज की मांग रखी जाती रही। पीड़ित परिवार ने इस बीच एक और कार भी देकर रिश्ते को बचाने की कोशिश की, लेकिन महिला के ऊपर उत्पीड़न कम नहीं हुआ। पति विपिन, जेठ रोहित, सास दया और ससुर सतवीर निक्की को लगातार प्रताड़ित करते रहे।
21 अगस्त की रात ऐसा क्या हुआ?
घटना वाले दिन 21 अगस्त की रात को जो हुआ, उसने समाज को हिला दिया। पहले निक्की को बेरहमी से पीटा गया। उसके बाल खींचे गए, उसे बुरी तरह मारा गया और फिर थिनर डालकर आग लगा दी गई। इसका वीडियो भी सामने आया, जिसमें उसकी चीखें और तड़प दिखाई दे रही हैं। सीढ़ियों से नीचे आती हुई आग की लपटों में घिरी निक्की का दृश्य देखकर किसी का भी दिल दहल सकता है। निक्की के मासूम बेटे ने जो बयान दिया, उसने तो इस कांड की सच्चाई को और अधिक सामने रख दिया। बच्चे ने साफ अपने बयान में कहा, “पापा ने मम्मी को लाइटर से जला दिया।” यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ और देखते ही देखते देशभर में आक्रोश फैल गया। इस घटना के बाद लोगों का गुस्सा सड़कों पर उतर आया। निक्की के रूपवास गांव के परिजन और सैकड़ों ग्रामीण कासना थाने पहुंचकर धरने पर बैठ गए। उन्होंने थाने का घेराव किया और आरोपियों के एनकाउंटर की मांग की। तीन दिन तक चले गुस्से, घेराव और सड़क जाम के बाद पुलिस हरकत में आई और आरोपी पति विपिन को हिरासत में लिया। सवाल यह भी उठ रहा है कि अगर जनता का दबाव न होता तो क्या पुलिस इतनी तेजी से कार्रवाई करती?
वैगन-आर कार में एक अन्य लड़की के साथ पकड़ा गया
विपिन भाटी का अय्याश और झूठा चेहरा अब धीरे-धीरे सामने आ रहा है। एक पुराना वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है, जिसमें विपिन एक वैगन-आर कार में एक अन्य लड़की के साथ पकड़ा गया था। यह वीडियो 2024 का बताया जा रहा है। निक्की के भाई अतुल ने कहा है कि विपिन का दूसरी लड़कियों के साथ अवैध संबंध था और जब भी निक्की इस पर आपत्ति जताती, उसे बेरहमी से पीटा जाता। इधर, पकड़े जाने के बाद पुलिस हिरासत से विपिन ने भागने की कोशिश की। पुलिस उसे थिनर की बोतल बरामद करने के लिए लेकर जा रही थी, तभी उसने पुलिस की पिस्तौल छीनने की कोशिश की और भागने लगा। इसके बाद मुठभेड़ में उसके पैर में गोली लगी और उसे गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस का कहना है कि यह कार्रवाई उसके भागने की कोशिश के कारण हुई, लेकिन लोगों के मन में यह सवाल गूंज रहा है कि पुलिस ने पहले इतनी देर क्यों की और क्यों आम जनता के गुस्से के बाद ही कार्रवाई हुई। निक्की की बहन कंचन की शादी भी इसी परिवार में हुई थी। उसकी शादी रोहित से हुई थी, जबकि निक्की की शादी विपिन से। दोनों बहनों को लगातार प्रताड़ना झेलनी पड़ी। कई बार पंचायत बुलाई गई, लेकिन ससुराल वाले कभी नहीं माने। अंततः निक्की को अपनी जान गंवानी पड़ी।
पोस्ट से किया आत्महत्या का दावा
घटना के बाद, पुलिस ने निक्की की बहन की तहरीर पर पति विपिन, जेठ रोहित, सास दया और ससुर सतवीर के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। एडीसीपी सुधीर कुमार ने बताया कि मामले में तेजी से कार्रवाई की जा रही है। विपिन को गिरफ्तार किया जा चुका है और अन्य आरोपियों की तलाश जारी है। यहां सवाल यह भी है आखिरकार अन्य आऱोपी फरार कैसे हो गये, पुलिस अब तक हाथ पर हाथ धरे क्यों बैठी हुई है? इस बीच आरोपी जालिम पति विपिन का एक और ड्रामा करने वाला घिनौना चेहरा सामने आया जब लोगों को गुमराह करने की नीयत से उसने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डालकर दावा किया कि निक्की ने आत्महत्या की है। उसने यह दिखाने की कोशिश की कि वह अपनी पत्नी को खोने के बाद टूट गया है। जबकि सच यह है कि उसे जलाकर मारा गया और इसके वीडियो सबूत भी मौजूद हैं।
दहेज हत्या के हर साल इतने मामले
यह घटना भारत में दहेज प्रथा और महिलाओं के खिलाफ हिंसा की एक और भयावह मिसाल बनकर सामने आई है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) के आंकड़े बताते हैं कि देश भर में दहेज हत्या के हर साल मामले बड़ी संख्या में दर्ज होते हैं। इनमें से सबसे ज्यादा मामले उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान और हरियाणा में सामने आए। अकेले उत्तर प्रदेश में ही 11,874 दहेज हत्या के मामले दर्ज हुए। इसका मतलब यह है कि हर रोज औसतन 20 महिलाएं दहेज की बलि चढ़ रही हैं। आंकड़े न सिर्फ डरावने हैं बल्कि भयावह भी हैं, वर्ष 2017 से 2021 के बीच पूरे देश में 35,493 महिलाओं की मौत दहेज हत्या के कारण हुई। यह केवल आंकड़े नहीं हैं, बल्कि उन परिवारों की बिखरी ज़िंदगियां हैं, जिनकी बेटियां, बहनें और पत्नियां इस कुरीति का शिकार हो गईं। यह सवाल आज हर किसी के मन में उठना चाहिए कि आखिर ये घटनाएं कब रुकेंगी। क्या इसका कारण अशिक्षा है? क्या इसका कारण मनबढ़ई और अहंकार है? या फिर यह भरोसा कि कानून और पुलिस से बच निकला जा सकता है?
समाज से दहेज जैसी बुराई को हमेशा के लिए करें खत्म
निक्की पायला की मौत हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि अगर समाज में दहेज और महिला उत्पीड़न की यह सोच खत्म नहीं हुई, तो आने वाले समय में ऐसी त्रासदियां और बढ़ेंगी। हमें अपने समाज से यह कुरीति खत्म करनी होगी। युवाओं को आगे आकर दहेज मुक्त विवाह को बढ़ावा देना होगा। कानून को और कठोर बनाना होगा और पुलिस को संवेदनशील और जवाबदेह होना पड़ेगा। निक्की पायला केवल एक नाम नहीं है, वह इस देश की उन हजारों बेटियों की आवाज है जिन्हें दहेज की आग में जला दिया गया। उसकी मौत समाज और व्यवस्था दोनों के लिए एक कड़ा सवाल है। यह लड़ाई केवल निक्की के परिवार की नहीं, बल्कि हर उस नागरिक की है जो चाहता है कि भारत एक सुरक्षित और न्यायपूर्ण समाज बने। मैं, मनोज टिबड़ेवाल आकाश, The MTA Speaks के इस मंच से यही कहना चाहता हूं कि निक्की की मौत व्यर्थ न जाए। हमें यह प्रण लेना होगा कि ऐसी घटनाओं के खिलाफ हम खड़े होंगे, कानून को और मजबूत बनाएंगे और समाज से दहेज जैसी बुराई को हमेशा के लिए खत्म करेंगे।