मार्क जुकरबर्ग की Meta कंपनी हिंदी जानने वालों को दे रही 5,000 रुपये प्रति घंटा, जानिए कैसे करें आवेदन

Meta कंपनी हिंदी सहित कई भाषाओं में AI चैटबॉट्स बनाने के लिए क्रिएटर्स को प्रति घंटे 5,000 रुपये तक भुगतान कर रही है। मार्क जुकरबर्ग की यह योजना भारत में डिजिटल एंगेजमेंट बढ़ाने के लिए अहम साबित हो सकती है।

Post Published By: सौम्या सिंह
Updated : 9 September 2025, 12:45 PM IST

New Delhi: डिजिटल दुनिया में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की दौड़ तेज हो गई है और Meta, जो फेसबुक की मूल कंपनी है, इस क्षेत्र में अपनी पकड़ और मजबूत करने की योजना बना रही है। मार्क जुकरबर्ग की कंपनी ने खास तौर पर भारत जैसे देशों के लिए लोकल भाषा और संस्कृति से जुड़े AI चैटबॉट्स बनाने के लिए कॉन्ट्रैक्टर्स को प्रति घंटे 55 डॉलर (करीब 5,000 रुपये) तक भुगतान करने की घोषणा की है। यह अवसर हिंदी भाषा में काम करने वाले क्रिएटर्स के लिए बड़ा मौका साबित हो सकता है।

Meta ने हिंदी क्रिएटर्स को दिया बड़ा मौका

Meta सिर्फ टेक्निकल कोडर्स की तलाश में नहीं है, बल्कि ऐसे प्रोफेशनल्स को खोज रही है जिनके पास स्टोरीटेलिंग, कैरेक्टर क्रिएशन और प्रॉम्प्ट इंजीनियरिंग का कम से कम छह साल का अनुभव हो और जो हिंदी, इंडोनेशियन, स्पैनिश या पुर्तगाली जैसी भाषाओं में धाराप्रवाह हों। ये चैटबॉट्स इंस्टाग्राम, मैसेंजर और व्हाट्सएप जैसे प्लेटफॉर्म पर यूज़र्स को स्थानीय और वास्तविक अनुभव देंगे, ताकि AI पर्सनालिटीज लोगों के साथ दोस्ताना रिश्ता बना सकें।

AI चैटबॉट्स के लिए Meta हिंदी क्रिएटर्स को मौका

मार्क जुकरबर्ग का विजन है कि AI चैटबॉट्स सिर्फ टेक टूल्स न रहें, बल्कि वे इंसानों की जिंदगी का अहम हिस्सा बनें। उनका मानना है कि आने वाले समय में ऐसे चैटबॉट्स असली दोस्तों की तरह काम करेंगे, जो हमारी रोज़मर्रा की जरूरतों को आसान बनाएंगे और सोशल प्लेटफॉर्म्स पर यूज़र्स के अनुभव को बेहतर बनाएंगे।

कॉन्ट्रैक्टर्स को प्रति घंटे 5,000 रुपये तक भुगतान करने की घोषणा

यह पहली बार नहीं है जब Meta ने AI आधारित चैटबॉट्स लॉन्च किए हों। 2023 में कंपनी ने सेलेब्रिटी-आधारित AI बॉट्स जैसे Kendall Jenner और Snoop Dogg वर्ज़न पेश किए थे, लेकिन वे ज्यादा समय तक टिक नहीं पाए। 2024 में Meta ने AI Studio लॉन्च किया, जिससे आम यूजर्स भी खुद के चैटबॉट बना सकते हैं।

भारत के लिए यह प्रोजेक्ट विशेष महत्व रखता है क्योंकि यहां इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप के करोड़ों यूज़र हैं। हिंदी चैटबॉट्स के माध्यम से Meta भारतीय यूज़र्स के साथ बेहतर जुड़ाव बना सकती है, जिससे कंपनी का एंगेजमेंट और राजस्व दोनों बढ़ेंगे।

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Meta की यह योजना डिजिटल दुनिया में एक नया आयाम

हालांकि, चैटबॉट्स बनाने में चुनौतियां भी कम नहीं हैं। पहले भी Meta के AI बॉट्स पर संवेदनशील डेटा लीक करने और अनुचित कंटेंट जेनरेट करने के आरोप लग चुके हैं। अमेरिकी सीनेटरों ने भी इस पर कंपनी से जवाब मांगा था। इंडोनेशिया और अमेरिका में विवादास्पद कैरेक्टर्स जैसे 'Russian Girl' और 'Lonely Woman' ने Meta की छवि को नुकसान पहुंचाया। इसलिए इस बार Meta स्थानीय क्रिएटर्स और विशेषज्ञों को शामिल कर, असली और सुरक्षित AI कैरेक्टर्स तैयार करने पर फोकस कर रही है।

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Meta की यह योजना डिजिटल दुनिया में एक नया आयाम जोड़ सकती है। हिंदी भाषा में बनाए गए चैटबॉट्स न सिर्फ भारत में बल्कि अन्य हिंदी बोलने वाले क्षेत्रों में भी लोकप्रिय हो सकते हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या यह कदम जुकरबर्ग का मास्टरस्ट्रोक साबित होगा या फिर नए विवादों का कारण बनेगा।

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Published : 
  • 9 September 2025, 12:45 PM IST