लखनऊः यूपी की ब्यूरोक्रेसी से नए-नए घोटाले निकल कर सामने आ रहे हैं। स्वयंसेवी संगठन माने जाने वाले होमगार्ड्स विभाग पर भी भ्रष्टाचारियों ने निगाहें गड़ाकर उसे भी अपने भ्रष्टाचार का हिस्सा बना डाला। जहां एक तरफ पावर कार्पोरेशन में कर्मचारियों के पीएफ का पैसा मनमाने तरीके से डीएचएफएल कंपनी मे लगाने के बाद जंहा कोहराम मचा है। वहीं यूपी के गौतमबुद्धनगर से होमगार्ड्स की फर्जी तैनाती और वेतन निकासी का मामला सामने आने के बाद यूपी होमगार्ड्स विभाग के हाथ-पांव फूले हैं।
दरअसल गौतमबुद्धनगर नगर पुलिस को होमगार्ड्स की संख्या ड्यूटी पर बढ़ाकर दिखाते हुये वेतन निकासी किये जाने की भनक लगी है। जिस पर जब जांच कराई गई तो चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। वहीं इस तरह से लखनऊ में भी जांच किये जाने की बात सूत्रों के हवाले से सामने आई है। जिस पर होमगार्ड मंत्री चेतन चौहान ने कहा की गौतमबुद्धनगर( नोएडा) और लखनऊ जिले में पिछले 2 माह की होमगार्डों की ड्यूटी का रिकार्ड मिलाया जा रहा है।
इसके लिए 3 सदस्यों की एक कमेटी बनाई गई है। जिसमें होमगार्ड मुख्यालय के स्टाफ अफसर सुनील कुमार, मिर्जापुर जिला कमांडेंट शैलेंद्र प्रताप, कमांडेंट नीता भरतिया शामिल हैं। मंत्री का कहना है की उन्होंने 2 सालों के रिकार्ड के मिलान करने को कहा है। मगर पहले नोएडा और लखनऊ की रिपोर्ट के आधार पर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा की हम भ्रष्टाचार से कोई समझौता नहीं करेंगे। दोषियों को कड़ी सजा दिलाना विभाग और सरकार की जिम्मेदारी है। मगर जिस तरह से 2 होमगार्ड्स की तैनाती पर 10 होमगार्ड्स की ड्यूटी दिखाकर वेतन निकासी होती रही। इससे आरोपियों का गठजोड़ रसूखदारों से होने से इंकार नहीं किया जा सकता।

