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उमेश पुरी ने संघर्षों की बदौलत राजनीति में बनाई थी अमिट पहचान, यूपी में बने थे सबसे कम उम्र के पंचायत अध्यक्ष, पढ़िये उनका सफर

महराजगंज जनपद के सिसवा बाजार निवासी उमेशपुरी को वर्ष 1995 में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता एवं सबसे कम उम्र में सिसवा नगर पंचायत के अध्यक्ष बनने का गौरव रहा। सोमवार की मार्ग दुर्घटना में उन्होंने अंतिम सांस लेकर शुभचिंतकों से अंतिम विदाई ली। पढें डाइनामाइट न्यूज की खास रिपोर्ट
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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उमेश पुरी ने संघर्षों की बदौलत राजनीति में बनाई थी अमिट पहचान, यूपी में बने थे सबसे कम उम्र के पंचायत अध्यक्ष, पढ़िये उनका सफर

सिसवा बाजार (महराजगंज): नगरपालिका सिसवा कस्बा निवासी पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष उमेश कुमार पुरी की सोमवार की दोपहर में घुघुली थाना क्षेत्र के ग्राम पुरैना के पास मार्ग दुर्घटना में मृत्यु हो गई।

सूचना मिलते ही सिसवा नगर में शोक की लहर दौड़ गई। डाइनामाइट न्यूज संवाददाता ने उमेश पुरी  के पुराने और करीबी लोगों से बात की। 

इनके निधन पर भाजपा नेता जितेंद्र बहादुर सिंह, रामेश्वर जायसवाल, व्यवसायी हरिराम भालोटिया, जयप्रकाश भालोटिया अन्य तमाम सामाजिक कार्यकर्ताओं ने शोक प्रकट करते हुए कहा कि उमेश छात्र जीवन से ही मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के बैनर तले सामाजिक न्याय के लिए संघर्ष करते रहे।

उमेश पुरी (फाइल फोटो) 

इसी संघर्ष के बल पर यह वर्ष 1995 में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी एवं सबसे कम उम्र के उत्तर प्रदेश में सिसवा नगर पंचायत के अध्यक्ष चुने गए। अपने राजनीतिक प्रतिद्वंदियों के तमाम के विरोध के बावजूद उन्होंने पांच साल का कार्यकाल पूरा किया था।

नगर पंचायत अध्यक्ष पद से हटाने के बाद  प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह द्वारा भाजपा से अलग होकर बनाई गई पार्टी राष्ट्रीय क्रांति दल के प्रदेश अध्यक्ष रहे।

इसके उपरांत वह भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर अब तक वह भाजपा कार्यकर्ता के रूप में कार्य करते रहे। 

रोते बिलखते परिजन 

यह हुई थी घटना 
ग्राम लालपुर थाना कोतवाली निवासी मनोज कुमार (25) और पूर्व चेयरमैन उमेश पुरी की बाइक की आमने सामने टक्कर हो गई। जिसमें मनोज कुमार और लल्लन (60) घायल हो गए। वहीं मौके पर पूर्व चेयरमैन उमेश पुरी (54) की दर्दनाक मौत हो गई।

बताया जा रहा है कि पूर्व चेयरमैन महराजगंज से कुछ जरूरी काम निपटाकर वापस सिसवा घर के लिए लौट रहे थे।

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