नई दिल्ली: आज से देश भर में शारदीय की शुरुआत हो गया है। नौ दिनों तक चलने वाले इस नवरात्रि पर्व का समापन 24 अक्टूबर को होगा लेकिन इस बार की नवरात्रि आठ दिन की होगी। नवरात्रि के 25 अक्टूबर को दशहरा मनाया जाएगा।
नवरात्रि के पर्व में मां दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है। विधि-विधान से की गयी पूजा अर्चना बेहद फलदायी मानी जाती है। हर दिन शक्तिस्वरूपा मां के अलग रूपों के लिये समर्पित है।
नवरात्रि के पहले मां शैलपुत्री की पूजा की जाती गै। नवरात्रि में पहले दिन पूजा-पाठ में कई विशेष बातों का ध्यान रखना पड़ता है। हिमालय की पुत्री होने के कारण मां का एक नाम शैलपुत्री भी हैष। पूर्व जन्म में इनका नाम सती था और ये भगवान शिव की पत्नी थी। सती के पिता दक्ष प्रजापति ने भगवान शिव का अपमान कर दिया था, इसी कारण सती ने अपने आपको यज्ञ अग्नि में भस्म कर लिया था।
नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री को गाय के शुद्ध घी का भोग लगाना चाहिए। मां शैलपुत्री के चित्र को लकड़ी के पटरे पर लाल या सफेद वस्त्र बिछाकर स्थापित करें इससे अच्छा स्वास्थ्य और मान सम्मान मिलता है।
कहा जाता है कि मां शैलपुत्री को सफेद वस्तु अति प्रिय है, इसलिए मां शैलपुत्री को सफेद वस्त्र या सफेद फूल अर्पण करें और सफेद बर्फी का भोग लगाएं। मां शैलपुत्री की आराधना से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है और कन्याओं को उत्तम वर मिलता है।