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Politics: विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ मार्च निकाला NSS नेता को पड़ा भारी, जानें पूरा मामला

एक हिंदू देवता के बारे में केरल विधानसभा अध्यक्ष एएन शमसीर की टिप्पणी के विरोध में यहां एक मंदिर के सामने गैर-कानूनी तरीके से इकट्ठा होने के आरोप में नायर सेवा समाज (एनएसएस) के वरिष्ठ नेता एवं हजारों सदस्यों के खिलाफ पुलिस ने बृहस्पतिवार को मामला दर्ज कर लिया। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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Politics: विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ मार्च निकाला NSS नेता को पड़ा भारी, जानें पूरा मामला

तिरुवनंतपुरम/ नयी दिल्ली: एक हिंदू देवता के बारे में केरल विधानसभा अध्यक्ष एएन शमसीर की टिप्पणी के विरोध में यहां एक मंदिर के सामने गैर-कानूनी तरीके से इकट्ठा होने के आरोप में नायर सेवा समाज (एनएसएस) के वरिष्ठ नेता एवं हजारों सदस्यों के खिलाफ पुलिस ने बृहस्पतिवार को मामला दर्ज कर लिया।

छावनी पुलिस थाने में एनएसएस के उपाध्यक्ष एम. संगीत कुमार और संगठन के सैकड़ों लोगों के खिलाफ गैर-कानूनी सभा करने, दंगा करने और सार्वजनिक रास्ते को अवरुद्ध करने के लिए भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत और केरल पुलिस अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है।

पुलिस ने स्वत: संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की और प्राथमिकी में कहा कि एनएसएस के सदस्य गैरकानूनी तरीके से बुधवार शाम यहां पलायम में गणपति मंदिर के बाहर एकत्र हुए और बिना किसी अनुमति के माइक तथा स्पीकर लगाए और नारेबाजी की।

संगीत कुमार ने पुलिस कार्रवाई के बारे में प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कानून को अपना काम करने दें। उन्होंने मीडिया से कहा, ‘‘हम अपने धर्म की रक्षा के लिए लड़ रहे थे। हम इस मामले में कानूनी रूप से लड़ेंगे।’’

उधर, इस मुद्दे ने राज्य में राजनीतिक हलचल बढ़ा दी है। विपक्षी दलों ने राज्य सरकार और विधानसभा अध्यक्ष पर निशाना साधा।

विपक्षी कांग्रेस ने इसे विभिन्न मुद्दों से ध्यान भटकाने की एक ‘रणनीति’ करार दिया है। वहीं, सत्ताधारी मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने अपने नेता के समर्थन में खड़ी रही।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष (एलओपी) वी डी सतीशन ने आरोप लगाया कि माकपा पुलिस के दुरुपयोग, महिला सुरक्षा, राज्य में वित्तीय संकट जैसे मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है।

राष्ट्रीय राजधानी में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘माकपा चाहती है कि लोग मुद्दों के बजाय सांप्रदायिकता पर चर्चा करें। इसलिए, उन्होंने राज्य को विभाजित करने वाली सांप्रदायिक ताकतों को बल दिया।’’

उन्होंने कहा कि माकपा और संघ परिवार एक ही रास्ते पर चल रहे हैं।

माकपा नेता और राज्य के पूर्व वित्त मंत्री थॉमस इसाक ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ने जो कहा, उसमें कुछ भी गलत नहीं था। संविधान हर किसी को अपनी-अपनी मान्यताएं रखने की अनुमति देता है, जिसमें यह भी शामिल है कि भगवान गणेश मिथक हैं या नहीं।

वहीं, माकपा ने स्पष्ट कर दिया कि शमसीर अपनी विवादास्पद टिप्पणी को लेकर न तो माफी मांगेंगे और न ही कोई संशोधन जारी करेंगे।

अपनी बात पर कायम रहते हुए शमसीर ने कहा था कि उनका इरादा किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का नहीं था, लेकिन मुझे अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगने का कोई कारण नजर नहीं आता।

हाल ही में एर्नाकुलम जिले के एक स्कूल में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान शमसीर ने कथित तौर पर केंद्र पर आरोप लगाया था कि वह विज्ञान और प्रौद्योगिकी में उपलब्धियों के बजाय बच्चों को हिंदू मिथक सिखाने की कोशिश कर रहा है।

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