नई दिल्ली: इस साल वासंतिक नवरात्र की शुरूआत 2 अप्रैल से हो रही है। मालूम हो कि वासंनिक नवरात्र का प्रारंभ चैत्र के शुक्ल प्रतिपदा के दिन से होता है, जो इस बार 2 अप्रैल को है। हिन्दू धर्म में नवरात्र के व्रत का अहम महत्व होता है।
जहां 2 अप्रैल को नवरत्र की शुरूआत होगी, वहीं 8 अप्रैल को महानिशा की पूजा होगी, 9 तारीख को महाष्टमी व्रत रखा जाएगा और 10 अप्रैल को रामनवमी का पूजन किया जाएगा। इस बार नवरात्र पूरे नौ दिन का है, न तो कोई तिथि बढ़ी है और नहीं किसी तिथि पर कोई क्षय है। ज्योतिषीय दृष्टि से यह नवरात्र संतुलन और सौम्यता प्रदान करने वाला है।
इस साल अगर नवरात्र के 9 दिन व्रत नहीं रख पाते है, तो भी आप 3 दिन के व्रत करके उसका पूरा फल पा सकते है। इसके लिए आपको नवरात्र की सप्तमी, अष्टमी और नवमी इन तीनो तिथियों व्रत रखना होगा। अगर कोई इन तीनों तिथियों पर भी व्रत नहीं रख सकते तो ऐसे लोग नवरात्र के पहले दिन और महाष्टमी के दिन व्रत रख कर अपनी कामना को सिद्ध कर सकते है।
ज्योतिषीय दृष्टिकोण से कलश स्थापना मुहूर्त का 2 अप्रैल को सूर्योदय 5:51 बजे से सुबह 6:28 बजे तक का है। वहीं अभिजित मुहूर्त दिन में 11:36 बजे से लेकर 12:24 बजे तक का है। जबकि मिथुन लग्न दिन में 10:03 बजे से 12:17 बजे तक का है।