Site icon Hindi Dynamite News

एक साथ 1,500 से अधिक किसानों ने निकाला मार्च, सरकार के सामने रखी ये मांग

महाराष्ट्र के अहमदनगर में 15000 से अधिक किसानों ने जमीन अधिग्रहण के लिए उचित मुआवजा तथा दूध, कपास एवं अन्य फसलों के लिए लाभकारी दाम समेत विभिन्न मांगों पर दबाव बनाने के लिए पदयात्रा शुरू की है। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
Post Published By: डीएन ब्यूरो
Published:
एक साथ 1,500 से अधिक किसानों ने निकाला मार्च, सरकार के सामने रखी ये मांग

पुणे: महाराष्ट्र के अहमदनगर में 15000 से अधिक किसानों ने जमीन अधिग्रहण के लिए उचित मुआवजा तथा दूध, कपास एवं अन्य फसलों के लिए लाभकारी दाम समेत विभिन्न मांगों पर दबाव बनाने के लिए पदयात्रा शुरू की है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, अहमदनगर के अकोले से ऑल इंडिया किसान सभा (एआईकेएस) के तत्वाधान में यह पदयात्रा शुरू हुई जिसमें कई महिलाएं भी शामिल हैं। यह मार्च अकोले से करीब 230 किलोमीटर जिले के लोनी में शुक्रवार को समाप्त होगा।

एआईकेएस की विज्ञप्ति के अनुसार, किसानों ने अपनी मांगों के समर्थन में नारे लगाये एवं राज्य सरकार पर ‘भ्रष्ट’ होने का आरोप लगाया। उनके हाथों में एआईकेएस के लाल झंडे थे।

एआईकेएस की मांगों में कृषकों एवं खेतिहर मजदूरों के नामों पर भूस्वामित्व करना, आवश्यक जमीन अधिग्रहण के लिए उचित मुआवजा, दूध, कपास, सोयाबीन, तूर, चना एवं अन्य उपज के लिए लाभकारी दाम शामिल हैं।

ये किसान दूध एवं डेयरी उत्पादों के आयात का भी विरोध कर रहे हैं। वे प्राकृतिक आपदाओं से फसल की क्षति के लिए उचित मुआवजा, कृषकों, खेतिहर मजदूरों एवं बेसहारों के लिए पेंशन में वृद्धि, निर्माण श्रमिकों के लिए मेडिक्लेम एवं आवास सुविधाएं, आंगनवाड़ी कर्मियों एवं आशाकर्मियों, मध्याह्न भोजन कर्मियों एवं अन्य असंगठित कर्मियों के मानदेय में वृद्धि एवं उन्हें सरकारी कर्मी का दर्जा दिये जाने की मांग कर रहे हैं।

प्रदर्शन आयोजकों के अनुसार, महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल ने मंगलवार को एआईकेएस के एक प्रतिनिधिमंडल को मुंबई में सहयाद्रि ‘स्टेट गेस्ट हाउस’ पर वार्ता के लिए बुलाया था। यह प्रदर्शन लोनी में पाटिल के कार्यालय के पास ही समाप्त होगा।

एआईकेएस ने एक विज्ञप्ति में कहा, ‘‘ जहां तक उनके (विखे पाटिल के) राजस्व एवं डेयरी विकास विभागों की बात है तो कुछ प्रगति हुई लेकिन कोई अन्य मंत्री एआईकेएस द्वारा उठाये गये मुद्दों के सिलसिले में बातचीत के लिए मौजूद नहीं था।’’

विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘‘ यही कारण है कि राज्य सरकार के आह्वान के बाद भी एआईकेएस ने इस मार्च की दिशा में आगे बढ़ने का फैसला किया।’’

Exit mobile version