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एशियाई खेलों में गोल बचाने और जवाबी हमले करने पर ध्यान देगी पुरुष हॉकी टीम: फुल्टन

भारतीय पुरुष हॉकी टीम एशियाई खेलों में कुछ बदली रणनीति के साथ मैदान पर उतरेगी और अपनी पारंपरिक आक्रामक शैली के बजाय रक्षात्मक संरचना पर जोर देगी क्योंकि मुख्य कोच क्रेग फुल्टन ऐसा चाहते हैं।पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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एशियाई खेलों में गोल बचाने और जवाबी हमले करने पर ध्यान देगी पुरुष हॉकी टीम: फुल्टन

नयी दिल्ली :भारतीय पुरुष हॉकी टीम एशियाई खेलों में कुछ बदली रणनीति के साथ मैदान पर उतरेगी और अपनी पारंपरिक आक्रामक शैली के बजाय रक्षात्मक संरचना पर जोर देगी क्योंकि मुख्य कोच क्रेग फुल्टन ऐसा चाहते हैं।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक रक्षण भारतीय टीम का शुरू से कमजोर पक्ष रहा है। आक्रामक मानसिकता के साथ खेलने के कारण स्ट्राइकर और मिडफील्डर आगे बढ़ जाते हैं जिससे कि रक्षा पंक्ति कमजोर पड़ जाती है। लेकिन अप्रैल में पद संभालने के बाद फुल्टन ने स्पष्ट किया की रक्षा पंक्ति की कमजोरियों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।

फुल्टन ने पीटीआई से कहा,‘‘ यह सोच में थोड़ा बदलाव से जुड़ा है। हम वास्तव में अपने रक्षण को मजबूत करना चाहते हैं और मैच जीतने के लिए जवाबी हमलों पर ध्यान देना चाहते हैं। इसके अलावा मानसिक पक्ष भी है। जब कोई खिलाड़ी या टीम संघर्ष कर रही होती है तो ऐसी स्थिति में अपनी भूमिका अच्छी तरह से निभाने के लिए हम तरीके ढूंढ रहे हैं।’’

दक्षिण अफ्रीका के रहने वाले फुल्टन ने कहा कि उनके लिए मानसिक पक्ष बेहद महत्व रखता है क्योंकि स्वर्ण पदक जीतने पर उन्हें अगले साल के पेरिस ओलंपिक में सीधे प्रवेश मिलेगा।

इसलिए भारतीय विश्व कप विजेता क्रिकेट टीम के पूर्व मानसिक अनुकूलन कोच पैडी अपटन एशियाई खेलों के अंतिम मैचों के दौरान भारतीय पुरुष हॉकी टीम से जुड़ेंगे। अपटन ने 2011 में भारतीय क्रिकेट टीम की विश्वकप में जीत में अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने बेंगलुरु में पुरुष हॉकी टीम के राष्ट्रीय शिविर में तीन मानसिक अनुकूलन सत्र का आयोजन किया था।

फुल्टन ने कहा,‘‘ अपटन के साथ ये सत्र बेहद मददगार रहे लेकिन अभी शुरुआती दिन हैं। यह इससे जुड़ा है कि टीम कैसे काम करती है और खिलाड़ियों का मानसिक पक्ष किस तरह से चीजों को प्रभावित करता है।‘‘

उन्होंने कहा,‘‘ यह अनुकूल परिणाम हासिल करने की प्रक्रिया से जुड़ा है। आप कब शुरुआत करते हैं और टीम के रूप में कहां पहुंचना चाहते हैं यह इससे जुड़ा है। क्रिकेट टीम की 2011 की विश्व कप की जीत से काफी सीख मिली। पैडी एशियाई खेलों में टूर्नामेंट के अंतिम सप्ताह में हमारे साथ रहेंगे।’’

फुल्टन के कोच रहते हुए भारत ने पिछले महीने चेन्नई में एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब जीता था और एशियाई खेलों में उनका लक्ष्य स्पष्ट है- स्वर्ण पदक जीतकर पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करना।

उन्होंने कहा,‘‘ मैं यहां टीम के साथ केवल चार महीने से हूं और इस दौरान हमने तीन बहुत अच्छी प्रतियोगिताओं में भाग लिया और चीजें सही तरह से आगे बढ़ रही हैं। अब एशियाई खेलों में हमारी परीक्षा होगी और हम पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करना चाहते हैं।’’

 

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