महराजगंजः सदर लेखपाल रहे चर्चित ध्रुवनारायण त्रिपाठी के 4 महीने के बाद नौतनवां तबादला होने के बाद सदर का कार्यभार मारुतिनंदन को दिया गया। पर वह सदर में चल नहीं पाए फिर उसके बाद जनकराज को लेखपाल सदर के पद पर बैठाया गया। लगभग तीन महीने के बाद सदर लेखपाल का तबादला नौतनवां के लिए करवा दिया गया।
इसके बाद से ही सदर लेखपाल की कुर्सी के लिए वर्चस्व की लड़ाई लड़ी जा रही है। लोगों का मानना है कि कुछ लेखपालों की सिफारिश के बाद ही जनकराज का तबादला नौतनवां करवाया गया है।
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सदर का लेखपाल बनने के लिए चर्चा यह लोगों में खूब है कि आखिर क्यों इतना दावेदारी ठोकी जा रही है? राजस्व विभाग के कुछ सूत्रों ने डाइनामाइट न्यूज़ के संवाददाता को बताया कि सदर में नवीन परती की जमीनों को पिछले कुछ सालों में कब्जा कराया गया और जमीनी मामलों में जो धांधली होती रही है। उसका खुलासा न हो सके इसी को दबाए रखने के लिए यहां पर वर्चस्व की लड़ाई तेज हो गई है, और तो और सदर में मोटी कमाई भी कुर्सी की जोर आजमाइश बताई जाती है ।

