घुघली (महराजगंज): जनता जिस आशा व विश्वास से जनप्रतिनिधियों के सिर पर जीत का ताज पहनाती है यदि वह उनकी उम्मीदों पर खरे नहीं उतरते तो आखिर बेबस जनता अधिकारियों के दरवाजे खटखटाकर न्याय मांगती है। अगर यहां भी जनता को न्याय न मिले तो आखिर वह कहां जाए? ऐसा ही कुछ विकास खंड घुघली में देखने को मिल रहा है।
यहां पर प्रधान और रोजगार सेवक की मिलीभगत के कारण मनरेगा की वास्तविक मंशा पर खूब पानी फेरा जा रहा है। मजे की बात तो यह है कि उच्चाधिकारी भी इनके इस गणित को समझ नहीं पा रहे हैं।
मनरेगा का उद्देश्य
महात्मा गांधी रोजगार गारंटी के तहत सरकार की मंशा यह है कि हर जरूरतमंद व्यक्ति को उसके ही ग्रामसभा में रोजगार मिले ताकि वह दो जून की रोटी का मोहताज न रहे। इसके लिए जॉब कार्ड भी बनाए गए। इस पर प्रतिदिन की दैनिक मजदूरी और श्रमांश का विवरण भी दर्ज किया जाना सुनिश्चित किया गया।
जॉब कार्ड तो बने बन रोजगार किसे मिलेगा यह निर्धारित करने का दायित्व प्रधान और रोजगार सेवक के जिम्मे सौंप दिया गया। इसका जमकर फायदा उठाकर दोनों की मिलीभगत से मलाई काटने का कार्य तेजी से घुघली विकास खंड के अधिकतर ग्रामसभाओं में देखने को मिल रहा है।
नायब तरीका
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता को सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रधान और रोजगार सेवक कागजों में अधिक से अधिक हाजिरी लगा रहे हैं। मौके पर व्यक्तियों की संख्या कम दिखाई दे रही है।
69 मजदूरों की हाजिरी, काम करते मिले 18
यही नहीं जो व्यक्ति काम कर रहे हैं वह भी दूसरे ग्रामसभा के निवासी हैं। ग्रामसभा बेलवा तिवारी में 69 मजदूरों की हाजिरी लगाई गई है जबकि मौके पर मात्र 18 मजदूर कार्य करते मिले। यानी 51 मजदूर मौके पर 'लापता' मिले।
इस संबंध में ग्राम प्रधान सुग्रीव चौधरी ने बताया कि मजदूरों की संख्या बढ़ाई जाएगी।
बोले एपीओ
इस संबंध में एपीओ उत्कर्ष ने बताया कि मामला संज्ञान में नहीं है। जांच कर दोषियों के विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी।