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महराजगंज जिले की सबसे बड़ी खबर: निक्कू जायसवाल हत्याकांड में जिला जज ने सुनाया फैसला, जिले के टॉप-टेन अपराधी और कुख्यात हिस्ट्रीशीटर अनिल गुप्ता को उम्रकैद की सजा, व्यापारियों और जनता में दौड़ी खुशी की लहर 

महज बीस साल के मासूम युवा व्यापारी निक्कू जायसवाल की बेरहमी से चाकूओं से गोदकर नृशंस हत्या करने वाले हत्यारे, जिले के टॉप-टेन अपराधी, हिस्ट्रीशीटर, गैंगेस्टर अनिल गुप्ता को भगवान ने कड़ी सजा दी है। एक्सक्लूसिव खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर 
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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महराजगंज जिले की सबसे बड़ी खबर: निक्कू जायसवाल हत्याकांड में जिला जज ने सुनाया फैसला, जिले के टॉप-टेन अपराधी और कुख्यात हिस्ट्रीशीटर अनिल गुप्ता को उम्रकैद की सजा, व्यापारियों और जनता में दौड़ी खुशी की लहर 

महराजगंज: इस वक्त डाइनामाइट न्यूज़ पर जिले की सबसे बड़ी खबर सामने आ रही है। जिले के अनगिनत मामलों में वांछित जिले के टॉप-टेन अपराधी, हिस्ट्रीशीटर, गैंगेस्टर, कुख्यात गुंडे और कई बार जिला बदर हुआ कुख्यात अपराधी अनिल गुप्ता जेल की सलाखों के पीछे पहुंच चुका है। 

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इस कुख्यात अपराधी को सोमवार को जिला जज नीरज कुमार ने उम्र कैद की सजा सुनायी है। सजा सुनते ही कुख्यात गुंडे अनिल गुप्ता का चेहरा नीला पड़ गया। उसके झूठ, बड़बोलेपन और सबको अपने रुपये के दम पर खरीद लेने की खुली धमकी न्यायालय के सामने धरी की धरी रह गयी। 

जिले के इस कुख्यात अपराधी ने मृतक निक्कू के बूढ़े मां-बाप को जमकर धमकाया कि केस वापस ले लो नहीं तो जान से हाथ धो बैठोगे, जब परिजन नहीं टूटे तो इस हत्यारे ने लाखों रुपये में परिवार वालों को खरीदने की कोशिश की।

जिले का टॉप-टेन अपराधी अनिल गुप्ता पहुंचा जेल की सलाखों के पीछे

फाइल हुई ट्रांसफर

यहां भी जब बात नहीं बनी तो इस अपराधी ने नया पैंतरा चला और अक्टूबर 2022 में फैसला सुनाने जा रहे तत्कालीन अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश को ही खरीदने की नाकाम कोशिश की। मामले का जब भंडाफोड़ डाइनामाइट न्यूज़ पर हुआ तो उपर की बड़ी अदालतों ने संज्ञान लिया और केस की फाइल अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश के यहां से जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में ट्रांसफर कर दी गयी लेकिन लंबा वक्त गुजर गया और तत्कालीन जिला जज की अदालत से कोई फैसला नहीं आया। 

जिला जज का फैसला सुनते ही जनता में दौड़ी खुशी की लहर
इस बीच जिले में नये जनपद न्यायाधीश नीरज कुमार आये। उनकी कोर्ट में पत्रावली का कानूनी परीक्षण हुआ। सोमवार को जिला जज ने अपना फैसला सुनाते हुए हत्यारे को उम्र कैद की सजा सुनायी। जनपद न्यायाधीश नीरज कुमार का फैसला जैसे ही आम जनता और व्यापारियों के संज्ञान में आया, वैसे ही व्यापारियों और जनता में खुशी की लहर दौड़ गयी।

अनगिनत अपराधों के स्वामी अनिल गुप्ता के कुछ मामलों की क्राइम कुंडली

वकीलों ने सराहा फैसला

कचहरी के तमाम अधिवक्ताओं ने डाइनामाइट न्यूज़ से बातचीत में फैसले की खुले दिल से सराहना की। इस मामले में अनिल गुप्ता के साथ उसके अन्य साथी सहयोगियों को भी धारा 302 /149 भारतीय दंड संहिता के तहत आजीवन कारावास की सजा के साथ-साथ 50-50 हजार रुपए के अर्थ दंड से दंडित किया गया है।

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यह है केस 
22 मई 2012 की शाम को जिले के उभरते हुए मात्र 20 साल के युवा व्यवसायी राजमणि उर्फ निक्कू जायसवाल को अनिल ने धोखे से खाने के बहाने बुलाया। मृतक निक्कू अपने साथ अगले कुछ ही पलों में होने वाली बड़ी अनहोनी को नहीं भांप पाया। जिले के कोठीभार थाने में दर्ज मुकदमा अपराध संख्या 398/2012 धारा 147, 148, 149, 302, 323, 504, 506 भादवि के मुताबिक निक्कू की पुरैना चौराहे दुकान थी। परिवार में कपड़े, किराने व मोबाइल की दुकानें थीं। दुकान बंद कर अभी कुछ दूरी पर ही पहुंचा था कि पहले से घात लगाकर बैठे घुघुली थाने के हिस्ट्रीशीटर, गैंगेस्टर व जिले के टॉप-10 अपराधी अनिल गुप्ता ने निक्कू जायसवाल की सनसनीखेज तरीके से कोठीभार थाने के लक्ष्मीपुर एकडंगा गांव में बेहद नृशंस तरीके से चाकूओं से गला काटकर हत्या कर दी।

वजह रंगदारी और अवैध वसूली
जानकार बताते हैं कि इसके पीछे वजह रंगदारी और वसूली थी। निक्कू युवावस्था में ही अपने भाईयों के साथ मिल व्यापार में अपने कदम बढ़ा रहा था, इसी बीच अनिल की काली नजर इसके बढ़ते व्यापार पर लग गयी और अंजाम वसूली में कामयाब न होने पर हत्या। इस मामले में कोठीभार पुलिस ने गैंगेस्टर अनिल गुप्ता को दोषी पाने के बाद न्यायालय में अपनी चार्जशीट संख्या ए-81-ए 16 जून को दाखिल की। 

यूं बढ़ा जरायम के रास्ते पर हत्यारा अनिल गुप्ता
इलाके में अपनी धौंस जमाने और शार्ट कट अपना कम समय में अमीर बनने के सपने ने निक्कू के हत्या के आरोपी अनिल गुप्ता को जरायम के रास्ते पर धकेल दिया। महज दस साल में इस पर तीन-तीन बार बार वर्ष 2014, 2017 और 2020 में तबके जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों ने गुंडा एक्ट लगा जिला बदर किया। घुघुली पुलिस ने इसके आतंक से आजिज आकर इसकी हिस्ट्रीशीट खोली और इसे थाने के मजारिया हिस्ट्रीशीटर घोषित किया। इसकी हिस्ट्रीशीट संख्या 7-बी है। इस पर जिले के अलग-अलग थानों कोतवाली, घुघुली, कोठीभार और ठूठीबारी में एक दर्जन से अधिक संगीन मुकदमे दर्ज हैं। ये केस हत्या, रंगदारी, वसूली, SCST,सरकारी अधिकारियों से मारपीट, गुंडागर्दी, अराजकता आदि की संगीन धाराओं में दर्ज हैं। सभी में पुलिस ने चार्जशीट न्यायालय को भेज रखी है। जिला प्रशासन ने इस पर गैंगेस्टर एक्ट ठोंक जेल में भी ठूंसा था लेकिन यह फिर भी यह क्राइम करने से बाज नहीं आया तब आजिज आकर जिला प्रशासन ने इसे जिले के टॉप टेन अपराधियों की सूची में शामिल किया। 

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