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लखनऊ नगर निगम की लापरवाही बनी सरकारी खजाने पर बोझ

लखनऊ नगर निगम की ओर से ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी 2 के लिए नई झालरे दोबारा लगाए जा रहे हैं। जबकि जुलाई 2018 में आयोजित ग्राउंड ब्रेकिंग सेरिमनी 1 के लिए 15 लाख रुपए से अधिक की झालर शहर में सुंदरता बनाए रखने के लिए लगाई गई थी। पढ़ें डाइनामाइट न्यूज़ विशेष..
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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लखनऊ नगर निगम की लापरवाही बनी सरकारी खजाने पर बोझ

लखनऊ: एक तरफ यूपी की प्रदेश की भाजपा सरकार प्रदेश में भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने की बात कह रही है। वहीं दूसरी ओर राजधानी लखनऊ में लखनऊ नगर निगम की ओर से जमकर भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया जा रहा है। ताजा मामला प्रदेश में 28 जुलाई को लखनऊ में आयोजित ग्राउंड ब्रेकिंग सेरिमनी 2 के आयोजन को लेकर है। इस आयोजन में लखनऊ एयरपोर्ट से लेकर इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान तक जुलाई 2018 में उद्योग लगाने के लिए आयोजित ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी 1 के समय ₹15 लाख से अधिक की झालरे लगाई गई थी। मगर यह झालरें 1 साल भी अपनी सुंदरता बरकरार नहीं रख पाई।

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दरअसल नगर निगम के अधिकारियों ने जुलाई 2018 में आयोजित ग्राउंड ब्रेकिंग सेरिमनी 1 के समय ही झालरे खरीदने में खेल कर दिया था। किराए पर लगाई गई झालरों के लिए इतना भुगतान कर दिया गया, जितने में नई झालरे आ जाती। हालांकि इस आरोप के बाद नगर निगम ने अपनी ही झालरे खरीदकर स्थाई रूप से लोहिया पथ और शहीद पथ पर लगा दी। तभी से दोनों प्रमुख सड़कों पर सजावट बनी हुई थी।

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गौरतलब है कि आगामी 28 जुलाई को लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी 2 का आयोजन किया गया है। जिसका उदघाटन देश के गृह मंत्री अमित शाह करेंगे। जिसमें 65 हजार रुपए से अधिक निवेश प्रदेश में आने की बात सरकार कह रही है। लखनऊ नगर निगम की ओर से जो झालरे खरीदी गई थी। अब दोबारा उसी मार्ग पर 15 लाख रुपए से अधिक के बजट के माध्यम से दोबारा झालर लगाने का काम चल रहा है।

 हालांकि लखनऊ नगर निगम खराब हुई झालरों के मरम्मत की बात कह रहा है। मगर बड़ा सवाल यह है कि 15 लाख रुपए से अधिक की झालरे दोबारा लगाने की जरूरत क्यों पड़ी। इस मामले में सीधे-सीधे बोलने से नगर निगम के अधिकारी बचते दिख रहे हैं। वहीं सरकार की भ्रष्टाचार विरोधी नीति को भी झटका लग रहा है। प्रदेश सरकार के मुखिया योगी आदित्यनाथ इस मामले पर नगर निगम के दोषी अधिकारियों के खेत क्या कार्रवाई करते हैं यह तुम आने वाला समय ही बताएगा। मगर इससे लखनऊ नगर निगम में भ्रष्टाचार के चल रहे खेल का खुलासा एक बार फिर से हो गया है।

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