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Jammu & Kashmir: कश्मीर में शीत लहर का प्रकोप, माइनस में पहुंचा पारा

कश्मीर में शीत लहर के बीच कई हिस्सों में न्यूनतम तापमान जमाव बिंदु से कई डिग्री नीचे गिर गया। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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Jammu & Kashmir: कश्मीर में शीत लहर का प्रकोप, माइनस में पहुंचा पारा

श्रीनगर: कश्मीर में शीत लहर के बीच कई हिस्सों में न्यूनतम तापमान जमाव बिंदु से कई डिग्री नीचे गिर गया। 

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार अधिकारियों बताया कि श्रीनगर शहर में सोमवार रात तापमान शून्य से 4.6 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया जो इससे एक रात पहले शून्य से 4.3 डिग्री सेल्सियस नीचे था।

काजीगुंड में तापमान शून्य से 4.4 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया, जबकि उत्तरी कश्मीर के गुलमर्ग में तापमान शून्य से 3.1 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया।

दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम में न्यूनतम तापमान शून्य से 5.4 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया।

कोकेरनाग शहर में न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे 2.3 डिग्री सेल्सियस नीचे और कुपवाड़ा में शून्य से 4.1 डिग्री नीचे सेल्सियस दर्ज किया गया।

अधिकारियों ने बताया कि कश्मीर में मौसम शुष्क है और बर्फबारी नहीं होने से रात में कड़ाके की सर्दी पड़ रही है जबकि दिन अपेक्षाकृत गर्म हैं। श्रीनगर में दिन का तापमान साल के इस समय के सामान्य से आठ डिग्री अधिक है।

कश्मीर में वर्तमान में 40 दिनों की कठोर सर्दियों की अवधि 'चिल्लई-कलां' जारी है। इन दिनों क्षेत्र में शीत लहर चलती है और तापमान बेहद नीचे चला जाता है, जिससे जल निकायों के साथ-साथ पाइप में भी पानी जम जाता है।

इस अवधि के दौरान बर्फबारी की संभावना अधिक होती है और अधिकांश क्षेत्रों, विशेषकर ऊंचे इलाकों में भारी बर्फबारी होती है।

कश्मीर लंबे समय से सूखे के दौर से गुजर रहा है और दिसंबर में 79 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई। जबकि जनवरी के पहले पखवाड़े में भी घाटी के ज्यादातर हिस्सों में कोई बारिश नहीं हुई है।

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कश्मीर के अधिकतर मैदानी इलाकों में बर्फबारी नहीं हुई है, जबकि घाटी के ऊपरी इलाकों में सामान्य से कम बर्फबारी हुई है। मौसम विभाग ने 21 जनवरी तक शुष्क मौसम रहने का अनुमान जताया है।

'चिल्लई-कलां' 31 जनवरी को खत्म हो जाएगा। उसके बाद 20 दिन की 'चिल्लई-खुर्द' और 10 दिन की 'चिल्लई-बच्चा' की अवधि चलेगी और ठंड की स्थिति जारी रहेगी।

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