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स्कूल बोर्ड में एकरूपता लायेगा भारत का पहला राष्ट्रीय मूल्यांकन नियामक

शैक्षिक परीक्षण सेवा (ईटीएस) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अमित सेवक ने कहा है कि भारत का पहला राष्ट्रीय मूल्यांकन नियामक ‘परख’ देश में 60 से अधिक बोर्ड द्वारा किये जाने वाले मूल्यांकन में बहुप्रतीक्षित एकरूपता लाएगा।
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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स्कूल बोर्ड में एकरूपता लायेगा भारत का पहला राष्ट्रीय मूल्यांकन नियामक

नयी दिल्ली: शैक्षिक परीक्षण सेवा (ईटीएस) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अमित सेवक ने कहा है कि भारत का पहला राष्ट्रीय मूल्यांकन नियामक ‘परख’ देश में 60 से अधिक बोर्ड द्वारा किये जाने वाले मूल्यांकन में बहुप्रतीक्षित एकरूपता लाएगा।

राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान परिषद (एनसीईआरटी) ने नियामक मंच स्थापित करने के लिए द्वारा चुना गया है।

समग्र विकास के लिए कार्य-प्रदर्शन आकलन, समीक्षा और ज्ञान का विश्लेषण अर्थात ‘परख’ देश में सभी मान्यता प्राप्त स्कूल बोर्ड के लिए छात्र मूल्यांकन और इसके मानदंड, मानक और दिशानिर्देश तय करने की दिशा में काम करेगा।

सेवक ने डाइनामाइट न्यूज़ से एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘पहला कदम मूल्यांकन के लिए कुछ मानदंडों और मानकीकृत दिशानिर्देशों को तय करना है, जिसमें योगिक परीक्षण और छात्रों के आकलन के लिए नये तरीकों को अपनाना शामिल हैं।’’

भौगोलिक अंतर और कई भाषाओं के कारण भारत में स्कूली शिक्षा में विविधता पर जोर देते हुए, सेवक ने कहा कि ‘परख’ 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 62 बोर्ड में मूल्यांकन में ‘‘एकरूपता’’ लाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘हमारा दृष्टिकोण कौशल का प्रभावी ढंग से आकलन करना है। अभी हम ‘परख’ के लिए एक प्रारंभिक ढांचा तैयार करने की प्रक्रिया में हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम संगठनात्मक रूपों, भूमिकाओं और जिम्मेदारियों के बारे में चर्चा करेंगे, अंत में हम अधिक विशिष्ट विवरणों जैसे स्थान आदि के बारे में बात करेंगे।’’

हालांकि, सेवक ने ‘परख’ के औपचारिक रूप से तैयार होने की निश्चित समय-सीमा के बारे में कोई टिप्पणी नहीं की।

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) में उल्लेखित एक पहल, ‘परख’ विभिन्न राज्य बोर्ड के साथ नामांकित छात्रों के अंकों में असमानताओं को दूर करने में मदद के लिए सभी बोर्ड के वास्ते मूल्यांकन दिशानिर्देश बनायेगा।

उन्होंने कहा, ‘‘परख लाखों लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए विश्व-स्तरीय मूल्यांकन और सीखने की प्रणाली तैयार करने के वास्ते वैश्विक मॉडल के रूप में काम करेगा।’’

सेवक ने कहा, ‘‘भारत में शिक्षा विकसित हो रही है, समय के साथ चलने के लिए सर्वेक्षण भी विकसित होगा। यह एक प्रक्रिया होने जा रही है। हम कई देशों के लिए राष्ट्रीय सर्वेक्षण करने में मदद करते हैं, इसलिए विभिन्न देशों के सर्वोत्तम तरीकों और मापदंडों को भी शामिल किया जाएगा।’’

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