Dynamite News Impact: महराजगंज के जर्जर पंचायत भवन पर डाइनामाइट न्यूज की खबर का शासन ने लिया संज्ञान, ग्राम विकास अधिकारी पहुंचे मौके पर, हर कोई हैरान

डाइनामाइट न्यूज की ख़बर का फिर एक बार बड़ा असर सामने आया है। डाइनामाइट न्यूज़ ने कल शनिवार को जनपद के एक जर्जर पंचायत भवन को लेकर रिपोर्ट प्रकाशित की थी। इस रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए अधिकारी मौके पर पंचायत भवन का जायजा लेने पहुंचे। पढ़ें डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी खबर

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 20 November 2022, 11:44 AM IST

लक्ष्मीपुर (महराजगंज): डाइनामाइट न्यूज की ख़बर का फिर एक बार बड़ा असर सामने आया है। डाइनामाइट न्यूज़ ने कल शनिवार को जनपद के लक्ष्मीपुर ब्लॉक के हरमंदिर कला गांव के पंचायत भवन की जर्जर स्थिति को लेकर बड़ा खुलासा किया था। डाइनामाइट न्यूज़ ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि किस तरह काग़ज़ों में खानापूर्ति करके शासन को गुमराह कर इस पंचायत भवन को दुरस्त बताया जा रहा है, जबकि यह बीमार और जर्जर हो चुका है। हमारी इस रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए रविवार को अधिकारी मौके पर पंचायत भवन का जायजा लेने पहुंचे।  

लक्ष्मीपुर ब्लॉक के हरमंदिर कला गांव के पंचायत भवन के कारनामे की रिपोर्ट को जब डाइनामाइट न्यूज ने प्रमुखता से प्रकाशित किया तो लक्ष्मीपुर ब्लॉक में हड़कंप मच गया। अनुरोध कुमार, ग्राम विकास अधिकारी, हरमंदिर कला गांव मौके पर गये और स्थिति का जायजा लिया।

बता दें कि हरमंदिर कला के पंचायत भवन को सिर्फ काग़ज़ों मे खानापूर्ति दिखाकर शासन को गुमराह कर रहे, जबकि हकीकत ये है कि ये पंचायत भवन खण्डहर में तब्दील हो चुका है। 

 ग्रामीणों ने डाइनामाइट न्यूज को बताया कि इस पंचायत भवन का आजतक ताला ही नहीं खुला, मेज, कुर्सियां ,सीसी टीवी कैमरा, सब मौके से गायब है। पंचायत भवन का दो साल के ताला तक नहीं खुला।

डाइनामाइट न्यूज से बातचीत में BDO अमर नाथ पांडे  ने कहा कि  हरमंदिर कला गांव के पंचायत भवन को एक हफ्ते के अंदर दुरुस्त करा लिया जाएगा।

बता दें कि लक्ष्मीपुर ब्लॉक के अधिकतर ग्राम विकास अधिकारी ब्लॉक की कुर्सियों पर ही छानते है मौज। कभी अपने क्षेत्र के  पंचायत भवन नहीं जाते। एक ग्राम विकास अधिकारी को कई कई गांवों की जिम्मेदारी मिली है, पर ब्लॉक से इनका कोई शेड्यूल नहीं बना है, जिससे आम लोगों को पता चल सके कि ये किस दिन, किस समय किस गांव मे रहेंगे? अगर इनका शेड्यूल बना होता तो ग्रामीण प्रमाणपत्रों के लिए ब्लॉक के चक्कर नहीं काटते।

Published : 
  • 20 November 2022, 11:44 AM IST

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