नई दिल्ली: भारतीय इतिहास में सोमवार का दिन स्वर्ण अक्षरों में अंकित हो गया। द्रौपदी मुर्मू के रूप में देश को आज पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति मिल गईं। सोमवार को देश के 15वें राष्ट्रपति के तौर पर द्रौपदी मुर्मू को संसद के सेंट्रल हॉल में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एनवी रमणा ने शपथ दिलाई। वे इससे पहले झारखंड की राज्यपाल भी रहीं हैं। द्रौपदी मुर्मू स्वतंत्र भारत में जन्मीं देश की पहली राष्ट्रपति भी हैं।
द्रौपदी मुर्मू का जन्म 20 जून 1958 को ओडिशा के मयूरभंज जिले के बैदापोसी गांव में एक संथाल परिवार में हुआ। उन्होंने राजधानी दिल्ली से लगभग दो हजार किलोमीटर दूर स्थित मयूरभंज जिले में स्थित कुसुमी तहसील के एक छोटे से गांव उपरबेड़ा के एक बेहद साधारण स्कूल से शिक्षा ग्रहण की। उनके पिता का नाम बिरंचि नारायण टुडु है। उनके दादा और उनके पिता दोनों ही उनके गाँव के प्रधान रहे। द्रौपदी मुर्मू संथाल जनजाति से ताल्लुक रखतीं हैं। भील और गोंड के बाद संथाल जनजाति की आबादी देश के आदिवासियों में सबसे ज़्यादा है।
अपने पति और दो बेटों के निधन के बाद द्रौपदी मुर्मू ने अपने घर में ही स्कूल खोला, जहां वह बच्चों को पढ़ाती थीं। उस बोर्डिंग स्कूल में आज भी बच्चे शिक्षा ग्रहण करते हैं। उनकी एकमात्र जीवित संतान उनकी विवाहिता पुत्री हैं, जो भुवनेश्वर में रहती हैं। साल 1997 में उन्होंने रायरंगपुर नगर पंचायत से पार्षद चुनाव में जीत दर्ज कर अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की।
आजाद भारत के 75 साल के इतिहास में पिछले डेढ़ दशक महिलाओं के लिए खास तौर से विशिष्ट माना जा सकता है। जीवन के हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने वाली महिलाएं इस दौरान देश के शीर्ष संवैधानिक पदों तक पहुंचने में कामयाब रहीं।
2007 में प्रतिभा देवी सिंह पाटिल ने देश की पहली महिला राष्ट्रपति बनने का गौरव हासिल किया और अब द्रौपदी मुर्मू का पहली आदिवासी और दूसरी महिला राष्ट्रपति हैं, जो देश की लोकतांत्रिक परंपरा की एक सुंदर और सबसे मजबूत मिसाल है। सर्वोच्च संवैधानिक पद पर द्रौपदी मुर्मू का काबिज होना देश की उत्कृष्ठ जातीय और सांस्कृतिक सफर का एक खूबसूरत पड़ाव भी है।
हर देशवासी के लिए यह भी गौरव की बात हैं कि भारत के इतिहास में द्रौपदी मुर्मू स्वतंत्र भारत में जन्मीं देश की पहली राष्ट्रपति भी हैं। उनका जन्म भारत की स्वतंत्रता के लगभग 11 साल बाद 1958 में हुआ। इसके साथ ही वे भारत की अब तक की सबसे युवा राष्ट्रपति भी हैं।