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Uttarakhand News: हल्द्वानी चौसला गांव में डेमोग्राफिक बदलाव का विवाद, हिंदूवादी संगठनों ने किया प्रदर्शन

हल्द्वानी शहर से करीब 15 किलोमीटर दूर स्थित फतेहपुर चौसला गांव में भूमि विक्रय और जनसांख्यिकीय परिवर्तन को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। पढ़ें डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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Uttarakhand News: हल्द्वानी चौसला गांव में डेमोग्राफिक बदलाव का विवाद, हिंदूवादी संगठनों ने किया प्रदर्शन

हल्द्वानी: नैनीताल जिले के हल्द्वानी शहर से करीब 15 किलोमीटर दूर स्थित फतेहपुर चौसला गांव में भूमि विक्रय और जनसांख्यिकीय परिवर्तन को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। एक व्यक्ति द्वारा अपनी भूमि को छोटे-छोटे प्लॉटों में विभाजित कर विशेष समुदाय के 68 लोगों को बेचे जाने के बाद से क्षेत्र में तनाव उत्पन्न हो गया है। भूमि खरीदने वाले अधिकतर लोग उत्तर प्रदेश के रामपुर और मुरादाबाद क्षेत्रों से हैं।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, इस भूमि बिक्री के विरोध में स्थानीय निवासियों और हिंदूवादी संगठनों ने आवाज उठाई है। क्षेत्र के लोगों ने इस मामले को डेमोग्राफिक चेंज की सुनियोजित साजिश करार दिया है और जिला प्रशासन पर भी सवाल उठाए हैं। हल्द्वानी नगर निगम के मेयर गजराज सिंह बिष्ट ने भी इस मामले को गंभीर बताते हुए कहा कि प्रशासन को इतनी बड़ी संख्या में विशेष समुदाय के लोगों को भूमि की रजिस्ट्री और दाखिल-खारिज करने की अनुमति कैसे दी गई।

तहसील में प्रदर्शन और प्रशासन पर सवाल

बुधवार को हिंदूवादी संगठनों ने तहसील में प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि चौसला गांव में पहले एक फैक्ट्री स्थापित की गई थी, जिसके बाद प्रॉपर्टी डीलरों द्वारा छोटे-छोटे प्लॉट काटकर बाहरी विशेष समुदाय के लोगों को बेचा गया। इससे क्षेत्र की सामाजिक और सांस्कृतिक संरचना प्रभावित हो रही है। प्रदर्शनकारी इस पूरे मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

मेयर गजराज सिंह बिष्ट का बयान

मेयर गजराज सिंह बिष्ट ने इस मामले को उत्तराखंड की डेमोग्राफी को बदलने की साजिश करार देते हुए कहा कि इस संबंध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को भी जानकारी दे दी गई है। उन्होंने कहा कि किसी भी कीमत पर इस तरह के प्रयासों को सफल नहीं होने दिया जाएगा।

प्रशासन की प्रतिक्रिया

वहीं, एसडीएम परितोष वर्मा ने बताया कि इस मामले में रेरा एक्ट के तहत कार्रवाई के लिए नैनीताल जिलाधिकारी को रिपोर्ट भेजी गई है। इसके अलावा, कुछ सरकारी भूमि पर अतिक्रमण का भी मामला सामने आया है, जिसके तहत 15 दिन का नोटिस जारी किया गया है। प्रशासन ने भरोसा दिलाया है कि उचित जांच कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

 

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