Site icon Hindi Dynamite News

Delhi Building Collapse: बुराड़ी बिल्डिंग हादसे में चत्मकार, 34 घंटे बाद परिवार के 4 लोग जिंदा निकले

दिल्ली के बुराड़ी बिल्डिंग हादसे से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आ रही है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
Post Published By: डीएन ब्यूरो
Published:
Delhi Building Collapse: बुराड़ी बिल्डिंग हादसे में चत्मकार, 34 घंटे बाद परिवार के 4 लोग जिंदा निकले

नई दिल्ली: बुराड़ी के कौशिक एन्क्लेव में सोमवार शाम को हुए भीषण बिल्डिंग हादसा में बड़ा चमत्कार हो गया जिसमें एनडीआरएफ व दमकल विभाग की टीम ने  कड़ी मशक्कत से 34 घंटे बाद मलबे से एक परिवार के 4 लोगों को जीवित बाहर निकाला दिया। निर्माणाधीन पांच मंजिला इमारत के मलबे को हटाने का काम अभी भी जारी है। 

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार एक दंपती और उनकी तीन वर्षीय बेटी और पांच वर्षीय बेटे को सुबह चार बजे मलबे से बाहर निकाला गया। चारों लोग होश में हैं, हालांकि महिला और उसके बेटे को मामूली चोटें आई हैं।

बुराड़ी बिल्डिंग हादसा

जानकारी के अनुसार अब तक कुल 21 लोगों को मलबे से निकाला गया है, जिनमें से दो लड़कियों सहित पांच लोगों की मौत हो चुकी है। एनडीआरएफ व दमकल विभाग की टीम मौके पर अभी भी रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही है। मौत का आंकड़ा अभी बढ़ सकता है। लोगों के मलबे में फंसे होने की आशंका को लेकर बचाव अभियान चलाया जा रहा है। 

बता दें कि बुराड़ी के कौशिक एन्क्लेव में पांच मंजिला इमारत सोमवार शाम लगभग 6:30 बजे ढह गई। पुलिस को घटना के बारे में 6:58 बजे पीसीआर कॉल से पता चला। सूचना पर आनन-फानन में बचाव अभियान शुरू किया गया। 

जिला पुलिस उपायुक्त ने बताया कि मृतकों की शिनाख्त बुंदेलखंड, मध्य प्रदेश निवासी राधिका (7), उसकी बहन साधना (17), अनिल कुमार गुप्ता (42), भागलपुर, बिहार निवासी कादिर (40) और सरफराज (20) के रूप में हुई है।

पुलिस अधिकारी ने बताया कि कौशिक एंक्लेव की गली नंबर-23 में बिल्डर योगेंद्र भाटी का 200 गज का मकान था। मकान पहले से एक मंजिल बना था।

आरोप है कि बिल्डर ने उसी पुराने कंस्ट्रक्शन पर चार मंजिला इमारत खड़ी की थी।

स्थानीय लोगों का कहना है कि बिल्डर योगेंद्र ने पैसे बचाने के चक्कर में कई लोगों की जान ले ली। जिस प्लाॅट पर चार मंजिला इमारत खड़ी की गई थी। वहां एक मंजिला जर्जर मकान पहले से बना था।

योगेंद्र ने उसी जर्जर ढांचे पर चार मंजिला इमारत खड़ी दी। इमारत वजन नहीं सह पाई और जमींदोज हो गई। चूंकि सभी मजदूर इसी इमारत में रह रहे थे, इसलिए वह हादसे का शिकार हो गए।

Exit mobile version