नई दिल्ली: हिंदू धर्म (Hindu religion) में भाई दूज (Bhai Dooj) का भी विशेष महत्व है। भाई-बहन के स्नेह का यह त्योहार आज मनाया जा रहा है। ये त्योहार (Festival) भाई और बहन के प्रेम और रक्षा का प्रतीक माना जाता है। रक्षाबंधन की ही तरह यह पर्व भी बेहद खास होता है। इस दिन बहनें रोली और अक्षत से भाई का टीका करती हैं और उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार माना जाता है कि इस दिन यदि विधि-विधान से पूजा करने से भाई-बहन के ऊपर से अकाल मृत्यु का संकट टल जाता है।भाई दूज का पर्व दिवाली के दूसरे दिन मनाया जाता है। इसके साथ ही पंच दिवसीय दीपोत्सव पर्व का समापन हो जाता है, यानी यह इन पांच दिनों का आखिरी पर्व होता है।
कई बार भाई बहन इस खास दिन पर साथ नहीं रह पाते या मिल नहीं पाते। ऐसे में आपको निराश होने की आवश्यकता नहीं है। आप भाई दूज के नियमों का पालन दूर से भी कर सकती हैं। इससे भी पूजा का पूर्ण फल मिलता है। आइए जानते हैं कि भाई से दूर रहने पर कैसे बहनें भाई दूज की पूजा कर सकती हैं।
भाई दूज पर भाई दूर है तो ऐसे करें पूजा
1. भाई दूज के दिन सर्वप्रथम इस दिन स्नान कर लें।
2. इसके बाद मंदिर के सभी समानों को अच्छें से साफ कर लें। आपके जितने भाई हैं उतनी संख्या में गोले लेकर आएं।
3. एक चौकी पर पीले रंग के वस्त्र को बिछाएं वहां पर उन गोलों को स्थापित करें।
4. अब फूल के ऊपर चावल रखकर इसके ऊपक गोले को रख दें। बाद में इस गोले को गंगाजल से स्नान कराएं और रोली व चावल से तिलक करें।
5. पूजा के बाद मिठाई का भोग लगाएं और नारियल के गोलों की आरती उतारें।
6. इसके बाद इन्हें पीले रंग के कपड़े से ढक कर शाम तक छोड़ दें।
7. पूजा के बाद भाई की लंबी आयु और कष्टों से मुक्ति के लिए यमराज से प्रार्थना करें।
8. अगले दिन नारियल के गोलों को पूजा स्थल से उठा लें और संभव हो तो गोलों को भाई के पास भेज दें।
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