Islamabad: पाकिस्तान और दक्षिण अफ्रीका के बीच चल रही टेस्ट सीरीज के पहले मैच में पाकिस्तान ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 93 रन से जीत दर्ज की। यह जीत पाकिस्तानी क्रिकेट के लिए निश्चित रूप से एक उत्साहजनक पल था। लेकिन मैच के बाद कमेंट्री के दौरान कुछ ऐसा हुआ जिसने एक बार फिर बीते विवादों को ताज़ा कर दिया।
रमीज राजा को याद आया एशिया कप विवाद
मैच खत्म होने के बाद जब दक्षिण अफ्रीका और पाकिस्तान के खिलाड़ियों ने एक-दूसरे से हाथ मिलाया, तो कमेंटेटर आमिर सोहेल और रमीज राजा ने उस पल को लेकर एशिया कप की एक पुरानी घटना को याद किया।
आमिर सोहेल ने कहा, “दोनों टीमों को हाथ मिलाते देखना अच्छा लगा। आजकल यह परंपरा जैसे गायब होती जा रही है।” इस पर रमीज राजा ने प्रतिक्रिया दी, “यह अब बेकाबू होता जा रहा है। क्रिकेट सिर्फ खेल नहीं, यह परंपरा, शालीनता और ईमानदारी का प्रतीक है। खिलाड़ियों को इसे समझदारी से निभाना चाहिए।”
सूर्यकुमार यादव के व्यवहार पर अब भी चर्चा
दरअसल, एशिया कप 2025 के दौरान भारत और पाकिस्तान तीन बार ग्रुप स्टेज, सुपर-4 और फाइनल में आमने-सामने आए। तीनों मैचों में भारत ने पाकिस्तान को हराया। लेकिन क्रिकेट से इतर जिस बात ने सबसे ज़्यादा सुर्खियां बटोरीं, वह थी भारतीय खिलाड़ियों का व्यवहार।
रिपोर्ट्स के अनुसार, सूर्यकुमार यादव ने तीनों ही मुकाबलों के बाद पाकिस्तानी कप्तान सलमान अली आगा से हाथ मिलाने से इनकार कर दिया। इतना ही नहीं, कई अन्य भारतीय खिलाड़ियों ने भी पाकिस्तानी खिलाड़ियों से हाथ नहीं मिलाया। इस घटना को पाकिस्तान के पूर्व खिलाड़ी और मीडिया आज भी “अपमानजनक” मानते हैं।
हार और अपमान से नहीं उबर पाया पाकिस्तान
भारत के हाथों मिली लगातार तीन हार और उसके बाद भारतीय टीम द्वारा दिखाए गए कथित “अवमानजनक व्यवहार” ने पाकिस्तान के खिलाड़ियों और समर्थकों को गहरी चोट दी है। जहां भारत ने खेल में अपना वर्चस्व साबित किया, वहीं पाकिस्तान सिर्फ़ स्कोरबोर्ड पर नहीं, मनोबल के स्तर पर भी पिछड़ता नजर आया। रमीज राजा और आमिर सोहेल जैसे वरिष्ठ खिलाड़ी इस विषय को बार-बार उठाकर यह दर्शा रहे हैं कि एशिया कप में मिली हार और व्यवहारिक अपमान को वे अब तक नहीं भुला पाए हैं।
खेल भावना की दुहाई देता रहा पाकिस्तान
एशिया कप 2025 में पाकिस्तान ने हाथ ना मिलाने पर केवल खेल भावना की दुहाई ही देता रहा। वहीं, दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ हाथ मिलाने के दृश्य ने निश्चित रूप से पाकिस्तानी पूर्व खिलाड़ियों को यह याद दिला दिया कि खेल भावना क्या होती है। लेकिन यह सवाल भी खड़ा हो गया है कि क्या भारत और पाकिस्तान जैसे प्रतिद्वंद्वी देशों के बीच यह भावना निभ पाना संभव है? आने वाले समय में दोनों टीमों के बीच जब अगली भिड़ंत होगी, तब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या पुरानी घटनाओं से सबक लिया गया है या विवाद फिर से जोर पकड़ेगा।