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Independence News 2025: भारत के साथ इन देशों ने भी मनाया स्वतंत्रता दिवस, 15 अगस्त के पीछे छिपी हैं कई कहानियां

भारत के 79वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर जब देशभर में आजादी का जश्न मनाया जा रहा है, उसी दिन दुनिया के कुछ और देश भी अपने स्वतंत्रता दिवस की याद में उत्सव मना रहे हैं। 15 अगस्त की तारीख सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि कोरिया, बहरीन और कांगो गणराज्य जैसे कई देशों के इतिहास में भी आजादी के प्रतीक के रूप में दर्ज है।
Post Published By: Asmita Patel
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Independence News 2025: भारत के साथ इन देशों ने भी मनाया स्वतंत्रता दिवस, 15 अगस्त के पीछे छिपी हैं कई कहानियां

New Delhi: 15 अगस्त 2025 को देश ने आजादी का 79वां जश्न बड़ी धूमधाम और गर्व के साथ मनाया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले से देश को संबोधित किया और स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस साल का स्वतंत्रता दिवस और भी खास रहा क्योंकि भारत ने “ऑपरेशन सिंदूर” की सफलता को भी देश के सम्मान और सुरक्षा की प्रतीक के रूप में मनाया। आजादी का दिन हर भारतीय के लिए गर्व और बलिदान की याद लेकर आता है। यह वो दिन है जब देश ने लंबी गुलामी की जंजीरों को तोड़ा और एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में अपनी पहचान बनाई। 15 अगस्त की तारीख केवल भारतीय इतिहास में ही नहीं, बल्कि वैश्विक इतिहास में भी एक महत्वपूर्ण दिन है, क्योंकि इस दिन दुनिया के कुछ और देशों ने भी आजादी हासिल की थी।

कोरिया: जापानी कब्जे से आजादी

उत्तर और दक्षिण कोरिया भी 15 अगस्त को अपना स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं। इस दिन को वहां ग्वांगबोकजेओल और “नेशनल लिबरेशन डे” के रूप में जाना जाता है। साल 1945 में, द्वितीय विश्व युद्ध में जापान की हार के बाद, कोरियाई प्रायद्वीप ने 35 वर्षों की गुलामी के बाद जापान से मुक्ति पाई। यह दिन कोरिया के लिए दोहरा प्रतीक है—एक ओर आजादी की खुशी, तो दूसरी ओर विभाजन की पीड़ा। युद्ध के बाद अमेरिका और सोवियत संघ के बीच हुए समझौते के तहत कोरिया को 38वीं समानांतर रेखा पर दो भागों में बांट दिया गया। उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया। तीन साल बाद यह विभाजन राजनीतिक रूप से और भी स्पष्ट हुआ और 1950 में कोरियाई युद्ध की शुरुआत हुई। इसके बावजूद, आज भी दोनों कोरियाई देश 15 अगस्त को गर्व के साथ उस दिन को याद करते हैं जब उन्होंने जापानी शासन से आजादी पाई थी।

ब्रिटिश नियंत्रण से मिली आजादी

मध्य-पूर्व का छोटा लेकिन सामरिक रूप से अहम देश बहरीन भी 15 अगस्त को अपनी आजादी का दिन मानता है। 19वीं सदी से ब्रिटेन बहरीन के विदेश और रक्षा मामलों को नियंत्रित करता था, जबकि आंतरिक प्रशासन पर अल-खलीफा शाही परिवार का नियंत्रण था। ब्रिटेन ने 1968 में घोषणा की कि वह फारस की खाड़ी के “ट्रूशियल स्टेट्स” (आज के UAE, कतर और बहरीन) से 1971 तक अपने सैन्य बल हटा लेगा। शुरुआत में बहरीन, UAE में शामिल होना चाहता था, लेकिन राजनीतिक मतभेदों के चलते 14 अगस्त 1971 को उसने खुद को एक स्वतंत्र राष्ट्र घोषित कर दिया। इसके एक दिन बाद, यानी 15 अगस्त 1971, ब्रिटेन ने बहरीन पर से अपना नियंत्रण हटा लिया और इस तरह बहरीन पूरी तरह से आजाद हो गया।

फ्रांसीसी शासन से आजादी की घोषणा

कांगो गणराज्य, जिसे रिपब्लिक ऑफ कांगो भी कहा जाता है, अफ्रीका के मध्य में स्थित एक देश है जिसने 15 अगस्त 1960 को फ्रांस से आजादी प्राप्त की। यह देश कभी फ्रेंच इक्वेटोरियल अफ्रीका का हिस्सा था। स्वतंत्रता के बाद, राजधानी ब्राज़ाविल में हर साल भव्य परेड, संगीत और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। यह दिन कांगो के लोगों के लिए राष्ट्रीय गर्व और स्वतंत्रता का प्रतीक है। यह बात ध्यान देने योग्य है कि कांगो डेमोक्रेटिक रिपब्लिक (DRC), जो कांगो गणराज्य का पड़ोसी देश है, उसने 30 जून 1960 को बेल्जियम से आजादी प्राप्त की थी। दोनों देशों के नाम और इतिहास में समानता के कारण अक्सर भ्रम की स्थिति बन जाती है, लेकिन उनकी स्वतंत्रता की तारीखें और उपनिवेशवादी अलग हैं।

15 अगस्त सिर्फ एक तारीख नहीं…

15 अगस्त केवल भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया के कई हिस्सों में उपनिवेशवाद से मुक्ति का प्रतीक है। यह तारीख दर्शाती है कि कैसे अलग-अलग देशों ने औपनिवेशिक शक्तियों के खिलाफ संघर्ष किया, बलिदान दिया और अंततः स्वतंत्रता प्राप्त की। भारत, कोरिया, बहरीन और कांगो जैसे देशों के लिए 15 अगस्त सिर्फ एक तारीख नहीं, बल्कि संप्रभुता, आत्मसम्मान और स्वतंत्र अस्तित्व की कहानी है। यह दिन न केवल उनके अतीत की याद दिलाता है, बल्कि भविष्य की दिशा भी तय करता है। जहां लोग अपने राष्ट्र के निर्माण में सक्रिय रूप से भाग लेते हैं।

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