New Delhi: केरल के प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर से सोने की कथित चोरी के मामले की जांच कर रही विशेष जांच दल (एसआईटी) जल्द अपनी पहली जांच रिपोर्ट केरल हाईकोर्ट को सौंपने वाली है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, मामले की अगली सुनवाई बुधवार को होगी, जिस दिन एसआईटी अपनी रिपोर्ट भी कोर्ट में प्रस्तुत करेगी।
जांच में शामिल बंगलूरू के उन्नीकृष्णन पोटी की गिरफ्तारी
एसआईटी की जांच में अब तक कई अहम पहलुओं का खुलासा हुआ है। जांच टीम ने बंगलूरू के उन्नीकृष्णन पोटी को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने 2019 में मंदिर की द्वारपालक देवता की मूर्तियों और श्रीकोविल के दरवाजे पर सोने की चढ़ाई (इलेक्ट्रोप्लेटिंग) की व्यवस्था की थी। इसके अलावा, एसआईटी ने चेन्नई में इलेक्ट्रोप्लेटिंग से जुड़ी जांच भी की है।
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दस आरोपियों को नामजद किया गया
हाईकोर्ट ने एसआईटी को दो सप्ताह में रिपोर्ट देने और छह सप्ताह में जांच पूरी करने का निर्देश दिया था। अब तक एसआईटी ने इस मामले में दो मुकदमे दर्ज किए हैं और कुल दस आरोपियों को नामजद किया है। इन आरोपियों में पोटी के अलावा त्रावणकोर देवास्वोम बोर्ड (टीडीबी) के अधिकारी भी शामिल हैं। जल्द ही बाकी आरोपियों से पूछताछ भी शुरू की जाएगी।
केरल कांग्रेस अध्यक्ष ने सरकार पर लगाया आरोप
इस बीच, केरल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सनी जोसेफ ने सरकार पर आरोप लगाया है कि वह आरोपियों की सुरक्षा कर रही है। उन्होंने कहा कि जहां अन्य मामलों में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को तुरंत गिरफ्तार किया जाता है, वहीं सबरीमाला से करोड़ों रुपये की चोरी के आरोपी आज भी खुलेआम घूम रहे हैं। उनका कहना है कि सरकार जानबूझकर आरोपियों को संरक्षण दे रही है।
मंदिर की सुरक्षा का निरीक्षण, पूर्व जज की रिपोर्ट भी आएगी
सबरीमाला मंदिर के कीमती सामानों का लेखा-जोखा तैयार करने वाले केरल हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश केटी संकरन ने हाल ही में मंदिर का निरीक्षण किया है। उन्होंने मंदिर के मजबूत कमरों का निरीक्षण किया और उनकी एक प्रारंभिक रिपोर्ट भी जल्द ही सामने आएगी। यह रिपोर्ट जांच में नई जानकारी प्रदान कर सकती है।
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केरल के सबरीमाला मंदिर से सोने की चोरी का मामला अब बड़ी जांच की तरफ बढ़ रहा है। एसआईटी की जांच में कई आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है और जल्द ही अदालत में रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी। आरोपों और जांच के बीच राजनीतिक विवाद भी उभर रहा है, जिससे मामला और संवेदनशील हो गया है। अब सभी की नजरें एसआईटी की रिपोर्ट और हाईकोर्ट की कार्रवाई पर टिकी हुई हैं।