New Delhi: गोवर्धन पूजा हर साल दिवाली के अगले दिन, कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा को मनाई जाती है। वर्ष 2025 में दिवाली 20 अक्टूबर को मनाई जाएगी। ऐसे में गोवर्धन पूजा 21 अक्टूबर को पड़नी चाहिए, लेकिन तिथि की शुरुआत और समाप्ति को लेकर संशय बना रहा।
पंचांग के अनुसार क्या है सही दिन?
प्रतिपदा तिथि का आरंभ:
- 21 अक्टूबर 2025 को शाम 5:57 बजे से
प्रतिपदा तिथि समाप्ति:
- 22 अक्टूबर 2025 को रात्रि 8:18 बजे तक
हिंदू धर्म में उदयातिथि (जिस दिन सूर्योदय के समय तिथि हो) को मान्यता दी जाती है। चूंकि 22 अक्टूबर को सूर्योदय के समय प्रतिपदा तिथि विद्यमान होगी, इसलिए गोवर्धन पूजा 22 अक्टूबर 2025, बुधवार को ही मनाई जाएगी।
अब नहीं रहेगा कोई भ्रम
बहुत से लोग 21 और 22 अक्टूबर के बीच सही तिथि को लेकर उलझन में थे। लेकिन अब स्पष्ट है कि 22 अक्टूबर को ही गोवर्धन पूजा करना शुभ रहेगा। सूर्यास्त के बाद भी प्रतिपदा तिथि पर्याप्त समय तक बनी रहेगी, इसलिए उसी दिन पूजा, अन्नकूट उत्सव और गोवर्धन पूजा की विधि संपन्न की जाएगी।
गोवर्धन पूजा का धार्मिक महत्व
गोवर्धन पूजा का संबंध भगवान श्रीकृष्ण और गोवर्धन पर्वत से है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, जब देवता इंद्र के घमंड को तोड़ने के लिए श्रीकृष्ण ने अपनी छोटी अंगुली पर गोवर्धन पर्वत उठाकर ब्रजवासियों की रक्षा की थी, तब से यह पर्व मनाया जाता है। इस दिन गोवर्धन पर्वत का प्रतीकात्मक रूप बनाया जाता है। गायों, बैलों और खेती से जुड़ी चीजों की पूजा होती है। दान-पुण्य और अन्नकूट भोग लगाने का विशेष महत्व है।
प्रकृति के साथ संबंध का प्रतीक
यह त्योहार प्रकृति, पशुधन और कृषि के सम्मान का भी प्रतीक है। यह दर्शाता है कि मानव जीवन और प्रकृति किस तरह एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं।
गोवर्धन पूजा 2025 में 22 अक्टूबर को मनाई जाएगी। अगर आप तिथि को लेकर भ्रमित थे, तो अब स्पष्ट हो गया है कि सूर्योदय और सूर्यास्त दोनों समय प्रतिपदा तिथि विद्यमान रहने के कारण 22 तारीख को ही पूजा करना श्रेष्ठ रहेगा।
Disclaimer: यह जानकारी धर्म और ज्योतिषीय गणनाओं पर आधारित है। अंतिम निर्णय हेतु स्थानीय पंचांग या विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।