New Delhi: शेयर बाजार आज लाखों निवेशकों के लिए आकर्षण का केंद्र है, लेकिन इसके उतार-चढ़ाव को समझने के लिए सिर्फ अर्थशास्त्र ही नहीं, कई लोग ज्योतिष का सहारा भी लेते हैं। कहा जाता है कि ग्रहों की चाल से बाजार की दिशा बदल सकती है। ज्योतिष के अनुसार ग्रह शुभ हों तो तेजी आती है, और ग्रह अशुभ हों तो गिरावट का दौर शुरू हो सकता है।
ज्योतिष और शेयर बाजार का संबंध
आमतौर पर स्टॉक मार्केट में होने वाले बदलावों को आर्थिक नीतियों, बजट, वैश्विक घटनाओं या बाजार भावनाओं से जोड़ा जाता है। लेकिन वैदिक ज्योतिष मानता है कि ग्रहों की दशा, गोचर, वक्री-मार्गी स्थिति और युति का गहरा असर बाजार पर होता है। कई अनुभवी निवेशक और ट्रेडर भी बड़े फैसलों से पहले ज्योतिषीय सलाह लेते हैं।
कौन सा ग्रह क्या असर डालता है?
ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास के मुताबिक बृहस्पति (Jupiter) को शेयर बाजार में लाभ, वृद्धि और विस्तार का ग्रह कहा जाता है। इसकी शुभ स्थिति में सेंसेक्स और निफ्टी में तेजी देखी जा सकती है।
- बुध व्यापार, बुद्धि और निवेश का सूचक है, इसलिए मजबूत बुध बाजार को स्थिरता देता है।
- सूर्य सरकारी नीतियों से जुड़े बाजार सेगमेंट, म्युचुअल फंड और राजकोषीय फैसलों का प्रतिनिधित्व करता है।
- राहु और केतु बाजार के अनिश्चित और सट्टा भाव वाले तत्व माने जाते हैं। राहु के प्रभाव से अचानक तेजी या तेज गिरावट देखने को मिलती है।
- शनि की चाल धीमे लेकिन गहरे प्रभाव वाली होती है।
- वक्री शनि बाजार को नीचे धकेल सकता है जबकि शुभ स्थिति में स्थिरता देता है।
- चंद्रमा बाजार की दैनिक भावनाओं को नियंत्रित करता है, इसलिए इसका प्रभाव शॉर्ट टर्म उतार-चढ़ाव पर देखा जाता है।
ग्रहण, वक्री और युति का प्रभाव
- ग्रह वक्री या मार्गी होते समय बाजार दिशा बदल सकता है
- सूर्य और चंद्र ग्रहण कई बार अस्थिरता लाते हैं
- सूर्य-राहु या चंद्र-राहु जैसे योग अचानक भारी गिरावट का कारण बन सकते हैं
किस ग्रह का किस सेक्टर पर प्रभाव पड़ता है?
ज्योतिष के अनुसार, शेयर बाजार के विभिन्न सेक्टरों पर अलग-अलग ग्रहों का प्रभाव माना जाता है। सूर्य म्युचुअल फंड, लकड़ी और दवा उद्योग से जुड़ा है, जबकि चंद्रमा कांच, दूध, रूई और जल उत्पादों के बाजार को प्रभावित करता है।
मंगल का संबंध चाय, कॉफी, खनिज और रियल एस्टेट सेक्टरों से है। बुध बैंकिंग, शिक्षा, व्यापार और आयात-निर्यात से जुड़े क्षेत्रों का कारक माना जाता है। बृहस्पति सोना, पीतल और वित्तीय क्षेत्र से जुड़ा ग्रह है, जबकि शुक्र चीनी, सौंदर्य प्रसाधन, फिल्म और चावल उद्योग को प्रभावित करता है।
शनि का असर पेट्रोलियम, लोहे के कारोबार और बड़े उद्योगों पर देखा जाता है। राहु और केतु इलेक्ट्रॉनिक्स, विदेशी वस्तुओं और सट्टा बाजार से जुड़े माने जाते हैं।
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी ज्योतिषीय मान्यताओं और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है। शेयर बाजार एक जोखिम वाला क्षेत्र है, इसलिए किसी भी निवेश निर्णय से पहले अपने वित्तीय सलाहकार या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें। Dynamite News इस जानकारी की पुष्टि नहीं करता और न ही किसी प्रकार की वित्तीय सलाह प्रदान करता है।

