अखुरथ संकष्टी चतुर्थी 07 दिसंबर 2025 को मनाई जाएगी। यह वर्ष की अंतिम संकष्टी है, जो भगवान गणेश को समर्पित है। सुबह 08:19 से 01:31 तक शुभ मुहूर्त है और चंद्रोदय शाम 07:55 बजे होगा। जानें तिथि, महत्व और पूरी पूजा विधि।

अखुरथ संकष्टी चतुर्थी (Img source-Google)
New Delhi: पौष मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाने वाली अखुरथ संकष्टी चतुर्थी को गणेश भक्तों के लिए अत्यंत शुभ और पवित्र माना जाता है। यह साल की अंतिम संकष्टी चतुर्थी होती है और विघ्नहर्ता भगवान गणेश को समर्पित है। मान्यता है कि इस दिन विधि-विधान से पूजा और व्रत करने से जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं तथा धन, सौभाग्य और सफलता की प्राप्ति होती है। इस बार तिथि 07 और 08 दिसंबर के बीच पड़ रही है, जिसे लेकर लोगों में भ्रम बना हुआ है। पंचांग अनुसार इसका सही समय स्पष्ट हो चुका है।
पंचांग के अनुसार, पौष मास की कृष्ण पक्ष चतुर्थी तिथि की शुरुआत
07 दिसंबर को शाम 06:24 बजे
से हो रही है। यह तिथि समाप्त होगी
08 दिसंबर को शाम 04:03 बजे।
धार्मिक नियमों के अनुसार व्रत और पूजा उसी दिन की जाती है, जब चतुर्थी तिथि उदयकाल में रहे। इसलिए अखुरथ संकष्टी चतुर्थी 07 दिसंबर को मनाई जाएगी और इसी दिन व्रत रखना शुभ माना गया है।
चंद्रोदय के बाद गणेश पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाता है क्योंकि संकष्टी व्रत में चंद्र दर्शन का विशेष महत्व है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान गणेश के पूजन से विघ्न, संकट, रोग और बाधाएं दूर होती हैं। “अखुरथ” का अर्थ है-जो कभी रुकता नहीं। माना जाता है कि यह व्रत भगवान गणेश की अनंत कृपा प्राप्त कराने वाला होता है। इस दिन किए गए जप, तप और दान का फल कई गुना बढ़कर प्राप्त होता है।
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Disclaimer: यह लेख धार्मिक मान्यताओं, ज्योतिषीय गणनाओं और शास्त्रीय संदर्भों पर आधारित है। इसमें दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल सामान्य जागरूकता बढ़ाना है। डाइनामाइट न्यूज इस खबर की पुष्टि नहीं करता है।
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