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जिम्मेदार कौन? सूरत में भारी बारिश से हालात बेकाबू, सड़कों पर बह रही नदी

लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। सड़कों पर इतना पानी भर गया है कि कई जगह सड़कों ने नदी का रूप ले लिया है।
Post Published By: Jaya Pandey
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जिम्मेदार कौन? सूरत में भारी बारिश से हालात बेकाबू, सड़कों पर बह रही नदी

गुजरात: सूरत जिले में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। शहर के किम इलाके में हालात सबसे ज्यादा गंभीर हैं, जहां हरिहरेश्वर महादेव मंदिर तक जलमग्न हो गया है। मंदिर का गर्भगृह भी पानी में डूब चुका है, जिससे श्रद्धालुओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सड़कों पर इतना पानी भर गया है कि कई जगह सड़कों ने नदी का रूप ले लिया है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता से मिली जानकारी के मुताबिक किम गांव की रंगकृपा सोसायटी, अमृतनगर, पुरानी पंचायत और बाजार इलाके में भी पानी भर गया है। लिंबायत क्षेत्र के खादीपुर में खाड़ी का पानी चार दिन से कम नहीं हुआ है, जिससे लोगों के घरों में पानी घुस चुका है। स्थानीय लोगों का कहना है कि सिस्टम की लापरवाही के चलते सालों से यह समस्या बनी हुई है। फायर डिपार्टमेंट को एहतियातन स्टैंडबाय पर रखा गया है।

बारिश के आंकड़े चिंताजनक

वहीं, राज्य में भारी बारिश के आंकड़े भी चिंताजनक हैं। नर्मदा जिले के सागबारा में 24 घंटे में सबसे ज्यादा 6 इंच बारिश दर्ज की गई है। सूरत के महुवा में 4 इंच, खेरगाम में 3.54, बारडोली में 3.39, कामरेज में 2.95, पाटण में 1.77 और बाबर में 1.54 इंच बारिश हुई है। पाटण में एक घंटे में ही 2 इंच बारिश दर्ज की गई, जिससे वाटर बम जैसी स्थिति बन गई।

स्टेट हाईवे पर भरा पानी

कीम-मांडवी स्टेट हाईवे भी बारिश की चपेट में आ गया है। कीम चार रोड के पास स्टेट हाईवे पर पानी भर गया है। यहां सड़क से गुजरते समय लोगों को गहरे पानी से होकर निकलना पड़ रहा है, जिससे ट्रैफिक की स्थिति बिगड़ गई है। ड्रेनेज व्यवस्था की कमी के कारण पानी की निकासी नहीं हो पा रही है और वाहन चालक मजबूरी में पानी में फंसे रास्तों से गुजर रहे हैं। कुल मिलाकर सूरत और आसपास के इलाकों में बारिश का कहर जारी है और प्रशासन अलर्ट मोड पर है।

सड़कों पर इस तरह का जलभराव वहां की सिस्टम की लापरवाही को दर्शाता रहा है। जिससे वहांं के स्थानीय निवासियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही वहां के बड़े बुजुर्ग हों या बच्चे इस बाढ़ से सभी परेशान हैं।

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