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रेप कांड में प्रज्वल रेवन्ना को उम्रकैद की सजा, इतना लगा जुर्माना

विशेष अदालत ने आज जनता दल (सेक्युलर) के पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना को दोषी करार देते हुए सजा का एलान कर दिया। पीड़िता ने आरोप लगाया कि 2021 में कोविड लॉकडाउन के दौरान प्रज्वल रेवन्‍ना ने हासन और बेंगलुरु में दो बार उसका बलात्कार किया और वीडियो रिकॉर्ड किया। SIT यानी विशेष जांच दल ने 26 सबूतों के आधार पर कोर्ट में 1,632 पेज की चार्जशीट दाखिल की थी।
Post Published By: Rohit Goyal
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रेप कांड में प्रज्वल रेवन्ना को उम्रकैद की सजा, इतना लगा जुर्माना

Bangalore: बेंगलुरु की विशेष अदालत ने आज जनता दल (सेक्युलर) के पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना को दोषी करार देते हुए सजा का एलान कर दिया। रेवन्ना पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा का पोता है, वो कर्नाटक के पूर्व मंत्री एच डी रेवन्ना का बेटा और केंद्रीय मंत्री एच डी कुमारस्वामी का भतीजा है। जज संतोष गजानन भट ने 1 अगस्त को प्रज्वल को दोषी ठहराया था, जिसके बाद आज सजा का ऐलान हुआ। कोर्ट ने जिस समय को दोषी करार दिया उस समय कोर्ट में मौजूद रेवन्ना फूट-फूटकर रोने लगे। कोर्ट ने रेवन्‍ना पर पांच लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। साथ ही पीड़ित महिला को सात लाख रुपये का मुआवजा देने को भी कहा। SIT ने मई 2024 में प्रज्वल को गिरफ्तार किया था। फॉरेंसिक और DNA साक्ष्य में साबित हुआ था कि रेवन्‍ना ने इस वारदात को अंजमा दिया। यह सजा रेवन्‍ना पर दर्ज चार मामलों में से पहली है।

रेवन्‍ना के डीएनए सबूत

यह मामला 48 वर्षीय घरेलू सहायिका से संबंधित है, जो रेवन्ना परिवार के गन्नीकदा फार्महाउस में काम करती थी। पीड़िता ने आरोप लगाया कि 2021 में कोविड लॉकडाउन के दौरान प्रज्वल रेवन्‍ना ने हासन और बेंगलुरु में दो बार उसका बलात्कार किया और वीडियो रिकॉर्ड किया। SIT यानी विशेष जांच दल ने 26 सबूतों के आधार पर कोर्ट में 1,632 पेज की चार्जशीट दाखिल की थी। पीड़िता के कपड़ों पर प्रज्वल का डीएनए और फॉरेंसिक रिपोर्ट को भी कोर्ट में पेश किया गया।

पेन ड्राइव ने खोला राज

प्रज्वल के खिलाफ चार मामले दर्ज हैं, जिनमें यह पहला फैसला है। अप्रैल 2024 में 2,000 से अधिक अश्लील वीडियो के पेन ड्राइव हासन में वायरल होने के बाद मामला सामने आया। प्रज्वल लोकसभा चुनाव से पहले जर्मनी भाग गए थे, लेकिन 31 मई 2024 को उन्‍हें बेंगलुरु हवाई अड्डे पर गिरफ्तार कर लिए गए। उनकी कई जमानत याचिकाएं कर्नाटक हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दीं थी। अदालत में प्रज्वल ने दावा किया कि यह मामला “राजनीति से प्रेरित” है और चुनाव के समय ही सामने आया, लेकिन सबूतों की मजबूती ने उनके तर्क को खारिज कर दिया।

यह फैसला भारत में हाई-प्रोफाइल यौन अपराध मामलों में तेजी से न्याय का प्रतीक है। सजा ने न केवल रेवन्ना जैसे प्रभावशाली व्यक्तियों की जवाबदेही तय की, बल्कि यौन हिंसा के खिलाफ जीरो टॉलरेंस का संदेश भी दिया।

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