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NHAI का सफाई चैलेंज: अब टॉयलेट की गंदगी बन सकती है कमाई का जरिया; जानें कैसे?

अगर टोल प्लाजा के टॉयलेट गंदे हैं, तो अब सिर्फ शिकायत करके कमा सकते हैं। NHAI ने टोल प्लाजा की स्वच्छता को लेकर अभियान शुरू किया है, जिसमें यूजर की रिपोर्टिंग पर फास्टैग में ₹1000 मिलेंगे। यह पहल यात्रियों की सुविधा को प्राथमिकता देती है।
Post Published By: ईशा त्यागी
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NHAI का सफाई चैलेंज: अब टॉयलेट की गंदगी बन सकती है कमाई का जरिया; जानें कैसे?

New Delhi: नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने अपने ‘स्पेशल कैंपेन 5.0’ के तहत एक अनोखा और असरदार अभियान शुरू किया है- ‘क्लीन टॉयलेट पिक्चर चैलेंज’। इस पहल का उद्देश्य राष्ट्रीय राजमार्गों पर स्थित टोल प्लाजा के शौचालयों की स्वच्छता को बेहतर बनाना है। अगर किसी यात्री को टोल प्लाजा पर गंदे टॉयलेट मिलते हैं, तो वह इसकी शिकायत NHAI के मोबाइल ऐप के जरिए कर सकता है और बदले में ₹1000 तक का इनाम पा सकता है। यह अभियान 31 अक्टूबर 2025 तक चलेगा और इसमें भाग लेने के लिए कुछ खास नियम और शर्तें रखी गई हैं।

कैसे करें शिकायत?

इस योजना के तहत यूजर को NHAI के ‘राजमार्गयात्रा’ मोबाइल एप का लेटेस्ट वर्जन डाउनलोड करना होगा। यदि किसी टोल प्लाजा पर गंदे टॉयलेट दिखाई देते हैं, तो यूजर को उस टॉयलेट की जियो-टैग्ड फोटो एप के माध्यम से अपलोड करनी होगी।

फोटो अपलोड करने के बाद यूजर को अपना नाम, स्थान, गाड़ी का रजिस्ट्रेशन नंबर और मोबाइल नंबर जैसी जानकारी भी देनी होगी। अगर शिकायत की जांच में पुष्टि हो जाती है कि शौचालय वाकई गंदा था, तो शिकायतकर्ता के FASTag अकाउंट में ₹1000 का रिचार्ज कर दिया जाएगा।

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केवल टोल प्लाजा के टॉयलेट होंगे शामिल

यह अभियान केवल NHAI द्वारा निर्मित और संचालित टोल प्लाजा के टॉयलेट्स पर लागू होगा। पेट्रोल पंप, ढाबे, और अन्य प्राइवेट या NHAI की सहायक सेवाएं इस योजना के दायरे में नहीं आएंगी।

इसके अलावा, किसी भी टोल प्लाजा की एक ही दिन में की गई कई शिकायतों में से केवल पहली सही पाई गई शिकायत को इनाम दिया जाएगा। यानी कि एक टोल पर एक दिन में केवल एक यूजर को ही ₹1000 की पुरस्कार राशि मिलेगी, भले ही कई लोगों ने शिकायत की हो।

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जियो-टैग फोटो क्या होती है?

इस अभियान में सिर्फ जियो-टैग की गई फोटो ही मान्य होंगी। जियो टैगिंग का मतलब है कि फोटो में तस्वीर खींचे जाने की लोकेशन, समय और तारीख की जानकारी होनी चाहिए। यह फोटो GPS डेटा के साथ लिंक होती है, जिससे यह साफ तौर पर देखा जा सकता है कि तस्वीर कहां खींची गई थी।

जियो टैग्ड फोटो में सामान्यतः लैटिट्यूड, लॉन्गिट्यूड, ऊंचाई, समय और तारीख की जानकारी दर्ज होती है। इससे यह पुष्टि की जा सकती है कि तस्वीर वास्तव में उस टोल प्लाजा के टॉयलेट की है या नहीं।

क्या यह इनाम ट्रांसफरेबल होगा?

नहीं। ₹1000 की पुरस्कार राशि नकद के रूप में नहीं दी जाएगी, और न ही इसे किसी अन्य व्यक्ति को ट्रांसफर किया जा सकेगा। यह राशि सीधे शिकायतकर्ता की उसी गाड़ी के रजिस्टर्ड FASTag अकाउंट में रिचार्ज के रूप में भेजी जाएगी, जिसकी जानकारी उन्होंने एप पर दी होगी।

क्यों जरूरी है ये पहल?

राजमार्गों पर यात्रा करते समय साफ-सुथरे शौचालयों की सुविधा एक बड़ी जरूरत है। अक्सर देखा गया है कि टोल प्लाजा पर बने टॉयलेट्स की हालत खराब होती है, जिससे यात्रियों को काफी असुविधा होती है, खासकर महिलाओं और बच्चों को।

NHAI का यह कदम यात्रियों की भागीदारी के जरिए सफाई व्यवस्था में सुधार लाने की कोशिश है। शिकायत करने वालों को इनाम देकर लोगों को जागरूक और जिम्मेदार बनाने की दिशा में यह एक रचनात्मक पहल मानी जा रही है।

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यदि आप भी नेशनल हाईवे पर सफर कर रहे हैं और किसी टोल प्लाजा पर गंदा टॉयलेट नजर आता है, तो ‘राजमार्गयात्रा’ एप डाउनलोड कर उसकी जियो-टैग्ड फोटो अपलोड करें। अगर आपकी शिकायत सही पाई जाती है, तो न केवल आपकी एक छोटी सी पहल देश की साफ-सफाई में योगदान देगी, बल्कि आपको ₹1000 का इनाम भी मिलेगा, वो भी सीधे आपके FASTag में।

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