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कार्यवाहक से कुलपति बनने तक का सफर: इग्नू को मिली पहली महिला कुलपति, प्रो. उमा कांजीलाल संभालेंगी जिम्मेदारी

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (IGNOU) ने अपने 40 साल के इतिहास में पहली बार किसी महिला को कुलपति नियुक्त किया है। प्रो. उमा कांजीलाल को यह ऐतिहासिक जिम्मेदारी सौंपी गई है। वे डिजिटल लर्निंग और ऑनलाइन शिक्षा के क्षेत्र में तीन दशकों से अधिक का अनुभव रखती हैं।
Post Published By: Asmita Patel
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कार्यवाहक से कुलपति बनने तक का सफर: इग्नू को मिली पहली महिला कुलपति, प्रो. उमा कांजीलाल संभालेंगी जिम्मेदारी

New Delhi: इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (IGNOU) ने शिक्षा के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए पहली बार किसी महिला को कुलपति नियुक्त किया है। प्रोफेसर उमा कांजीलाल को इस प्रतिष्ठित पद की जिम्मेदारी दी गई है। इग्नू की स्थापना को 40 वर्ष से अधिक हो चुके हैं, लेकिन अब जाकर पहली बार किसी महिला को विश्वविद्यालय की कमान सौंपी गई है।

कार्यवाहक से कुलपति बनने तक का सफर

इससे पहले प्रो. कांजीलाल इग्नू में कार्यवाहक कुलपति के रूप में कार्यरत थीं। उन्होंने मार्च 2021 से जुलाई 2024 तक प्रो-वाइस चांसलर के रूप में भी सेवाएं दी हैं। विश्वविद्यालय के प्रशासनिक और अकादमिक क्षेत्र में उनकी सक्रिय भागीदारी और नेतृत्व क्षमता को देखते हुए उन्हें यह पद सौंपा गया।

शिक्षा और करियर का प्रभावशाली अनुभव

प्रो. उमा कांजीलाल ने अपनी मास्टर्स डिग्री क्राइस्ट चर्च कॉलेज, कानपुर से पूरी की और पीएचडी की डिग्री जीवाजी विश्वविद्यालय से प्राप्त की। उनके करियर की शुरुआत 1984 में IIT कानपुर में रिसर्च असिस्टेंट के रूप में हुई थी। बाद में वे इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (IGNCA) और फिर IGNOU में लेक्चरर बनीं।

ई-लर्निंग और डिजिटल एजुकेशन की विशेषज्ञ

प्रो. कांजीलाल डिजिटल लर्निंग, ई-एजुकेशन और मल्टीमीडिया कोर्स के क्षेत्र में गहरी विशेषज्ञता रखती हैं। इग्नू में उन्होंने यूनिवर्सिटी लाइब्रेरियन, स्कूल ऑफ सोशल साइंसेज की डायरेक्टर और सेंटर फॉर ऑनलाइन एजुकेशन की प्रमुख जैसी कई प्रमुख भूमिकाएं निभाई हैं।

‘स्वयं’ और ‘स्वयंप्रभा’ की राष्ट्रीय समन्वयक

शिक्षा मंत्रालय के अनुसार, प्रो. कांजीलाल पिछले 30 वर्षों से अधिक समय से शिक्षा के क्षेत्र में सक्रिय हैं। उन्होंने तकनीकी शिक्षा और फ्लेक्सिबल एजुकेशन मॉडल को बढ़ावा देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। फिलहाल वे भारत सरकार के डिजिटल शिक्षा प्लेटफॉर्म ‘SWAYAM’ और ‘SWAYAMPRABHA’ की नेशनल कोऑर्डिनेटर भी हैं।

अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी सक्रिय योगदान

प्रो. कांजीलाल का योगदान केवल भारत तक सीमित नहीं है। उन्हें अमेरिका की इलिनॉयस यूनिवर्सिटी में फुलब्राइट फेलोशिप मिली है। साथ ही उन्होंने जॉर्डन के UNRWA डिजिटल एजुकेशन प्रोजेक्ट में भी भाग लिया है। उन्हें ऑस्ट्रेलिया-भारत काउंसिल ग्रांट, DANIDA फेलोशिप, और मंथन अवार्ड जैसे कई अंतरराष्ट्रीय सम्मान भी मिल चुके हैं।

नई जिम्मेदारी के साथ नई उम्मीदें

प्रो. कांजीलाल की नियुक्ति न केवल महिलाओं के लिए प्रेरणा है, बल्कि इससे इग्नू के शिक्षा मॉडल में और भी नवाचार की उम्मीदें जुड़ गई हैं। उनके नेतृत्व में उम्मीद की जा रही है कि ऑनलाइन और ओपन लर्निंग को नई दिशा और व्यापक पहुँच मिलेगी।

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