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Pakistan हमले में तबाह हुए गांवों की मदद करने उतरे Jindal Steel के कर्मचारी, देंगे सैलरी का बड़ा हिस्सा

पाकिस्तान हमले में तबाह हुए भारतीय सीमावर्ती गांवों की मदद के लिए जिंदल स्टील के कर्मचारियों ने सराहनीय कदम उठाया है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
Post Published By: Sona Saini
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Pakistan हमले में तबाह हुए गांवों की मदद करने उतरे Jindal Steel के कर्मचारी, देंगे सैलरी का बड़ा हिस्सा

नई दिल्ली: ऑपरेशन सिंदूर और पाकिस्तान द्वारा किए गए हमले में कई भारतीय सीमावर्ती गांव तबाह हो गए, जिनकी सहायता के लिए जिंदल स्टील एंड पावर ने एक बड़ी मानवीय पहल की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य जम्मू और कश्मीर में प्रभावित नागरिकों की सहायता करना है।

कर्मचारी करेंगे वेतन दान

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, कंपनी के 20,000 से अधिक कर्मचारियों ने प्रभावित क्षेत्रों के पुनर्वास में सहायता के लिए स्वेच्छा से एक दिन का वेतन दान करने का संकल्प लिया है।

इस पहल के तहत नवीन जिन्दल ने राहत एवं पुनर्वास कार्यों के लिए सहायता राशि प्रदान करने की घोषणा की। इस सहयोग में जिन्दल स्टील समूह के 20,000 से अधिक कर्मचारियों द्वारा स्वेच्छा से अपना एक दिन का वेतन देना भी शामिल है। यह सहायता एक व्यक्तिगत दायित्व के साथ-साथ एक सामूहिक राष्ट्रीय कर्तव्य भी है।

नैतिक और राष्ट्रीय कर्तव्य

जिन्दल ने कहा, “सीमा पर रहने वाले हमारे नागरिक भी सैनिकों से कम नहीं हैं। उनका साहस, धैर्य और बलिदान प्रेरणास्पद है। आज जब वे कठिनाई में हैं, तो उनकी सहायता करना हम सभी का नैतिक और राष्ट्रीय कर्तव्य है। हम देशवासियों से अपील करते हैं कि वे भी इस पुनीत कार्य में योगदान दें।”

जिंदल स्टील के कर्मचारी करेंगे सैलरी डोनेट

गौरतलब है कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में निर्दोष नागरिकों की नृशंस हत्या के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से सीमा पार स्थित आतंकी ठिकानों के विरुद्ध निर्णायक कार्रवाई की। इस दौरान पाकिस्तान की ओर से की गई गोलाबारी में कई भारतीय गांव प्रभावित हुए, जिससे कई नागरिक विस्थापित हो गए।

संकट में राष्ट्र के साथ जिन्दल स्टील

जिन्दल स्टील का यह योगदान कोई नया उदाहरण नहीं है। इससे पूर्व भी कंपनी ने कोविड-19 संकट के दौरान देशभर में ऑक्सीजन आपूर्ति से लेकर मुफ्त भोजन वितरण तक अनेक राहत कार्य किये थे और पीएम केयर्स फंड में 25 करोड़ रुपये का योगदान दिया था। 2013 की उत्तराखंड आपदा में भी कंपनी ने सहायता की थी। इस तरह जिन्दल स्टील हर संकट में राष्ट्र के साथ खड़ी रही है।

नवीन जिन्दल का यह निर्णय न केवल एक आर्थिक सहायता है, बल्कि देश से उनके गहरे प्रेम और सामाजिक उत्तरदायित्व का प्रमाण भी है। सीमावर्ती क्षेत्रों के हमारे नागरिकों को यह भरोसा दिलाना आवश्यक है कि संकट की इस घड़ी में देश उनके साथ खड़ा है।

जिन्दल स्टील परिवार की यह एकजुटता न केवल पुनर्वास की दिशा में एक ठोस कदम है, बल्कि यह राष्ट्र सेवा की भावना को भी जीवंत बनाती है, यही संकल्प एक सशक्त और एकजुट भारत की नींव है।

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