New Delhi: भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ एक बार फिर सुर्खियों में हैं। हाल ही में उन्होंने राजस्थान विधानसभा सचिवालय में पूर्व विधायक के रूप में पेंशन के लिए आवेदन किया है। इसके साथ ही वे पहले से ही पूर्व सांसद और पूर्व उपराष्ट्रपति के रूप में पेंशन के पात्र हैं। इस प्रकार अब जगदीप धनखड़ को तीन अलग-अलग स्त्रोतों से पेंशन मिलेगी, जिसकी कुल राशि लगभग 2.87 लाख रुपय प्रति माह होगी।
पूर्व उपराष्ट्रपति की पेंशन पर सवाल
धनखड़ का राजनीतिक करियर काफी लंबा और विविध रहा है। वे 1989 से 1991 तक जनता दल के टिकट पर राजस्थान के झुंझुनू से लोकसभा सांसद रहे। इसके बाद 1993 से 1998 तक कांग्रेस के विधायक के रूप में किशनगढ़ विधानसभा सीट से राजस्थान विधानसभा में प्रतिनिधित्व किया। 2019 में उन्हें पश्चिम बंगाल का राज्यपाल नियुक्त किया गया और 2022 में वे भारत के उपराष्ट्रपति बने। हालांकि 21 जुलाई 2025 को उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया।
राजस्थान में दोहरी और तिहरी पेंशन की व्यवस्था लागू है। इसका अर्थ है कि यदि कोई व्यक्ति सांसद और विधायक दोनों रह चुका हो, तो उसे दोनों पदों के लिए पेंशन पाने का अधिकार है। यही नियम अब धनखड़ पर भी लागू होता है, जिससे वे तीनों पदों के लिए पेंशन पाने के हकदार बन गए हैं।
Jagdeep Dhankhar: इस्तीफे के बाद सरकारी आवास से शिफ्ट करेंगे जगदीप धनखड़, जानिये नया पता
पेंशन का विस्तृत विवरण इस प्रकार है-
पूर्व विधायक पेंशन: राजस्थान में पूर्व विधायकों को ₹35,000 प्रति माह पेंशन दी जाती है। लेकिन अगर पूर्व विधायक की उम्र 70 साल से अधिक हो, तो उन्हें 20% अतिरिक्त पेंशन मिलती है। चूंकि धनखड़ की उम्र 74 साल है, उन्हें ₹42,000 प्रति माह पेंशन मिलेगी।
पूर्व सांसद पेंशन: पूर्व सांसदों को ₹45,000 प्रति माह पेंशन मिलती है, जो उन्हें झुंझुनू से सांसद रहने के आधार पर मिलेगी।
पूर्व उपराष्ट्रपति पेंशन: उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के बाद उन्हें लगभग ₹2,00,000 प्रति माह पेंशन मिलेगी।
इस तरह कुल मिलाकर ₹2,87,000 प्रति माह धनखड़ को पेंशन के रूप में मिलेगा। इसके साथ ही उन्हें अन्य सरकारी सुविधाएं जैसे स्टाफ, वाहन, आवास आदि भी प्राप्त होंगे, जो उपराष्ट्रपति पद से जुड़े हैं।
धनखड़ द्वारा विधायक पेंशन के लिए आवेदन किए जाने के बाद यह मामला चर्चा में आ गया है। विपक्ष ने इस मुद्दे को लेकर सवाल उठाए हैं कि एक साथ तीन पेंशन लेना नैतिक रूप से उचित है या नहीं। हालांकि, यह प्रावधान कानूनी रूप से मान्य है और कई पूर्व राजनेता इससे लाभ ले रहे हैं।
उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के बाद जगदीप धनखड़ ने कोई सार्वजनिक बयान नहीं दिया, जिससे उनकी चुप्पी पर भी सवाल उठे थे। लेकिन अब पेंशन के लिए उनका आवेदन चर्चा का विषय बन गया है। राजस्थान विधानसभा सचिवालय ने उनके आवेदन को स्वीकार कर लिया है और जल्द ही उन्हें विधायक पेंशन मिलना शुरू हो जाएगी।