New Delhi: दिल्ली बम ब्लास्ट से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है। जिस इकोस्पोर्ट गाड़ी को लंबे समय से ढूंढा जा रहा था, आखिरकार वह मिल गई है। दिल्ली पुलिस की तरफ से अलर्ट जारी हुआ था, जिसके बाद आसपास के पूरे क्षेत्र में गाड़ी की तलाश शुरू कर दी गई। अब जाकर फरीदाबाद से लाल कलर की इकोस्पोर्ट गाड़ी बरामद की गई है।
स्थानीय लोगों से पूछताछ के बाद भी यह जानकारी नहीं मिल सकी कि उस पते पर उमर या उसका परिवार कभी रहा हो। पुलिस को शक है कि यह पता पहचान छिपाने और निगरानी से बचने के लिए जानबूझकर फर्जी तरीके से इस्तेमाल किया गया था।
कार को जब्त कर भेजा गया फॉरेंसिक जांच के लिए
जांच टीम ने संदिग्ध कार को खंदावली गांव के पास एक खाली जगह से बरामद किया, जहां इसे संदिग्ध परिस्थितियों में छोड़ दिया गया था। कार को अब फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FSL) भेजा गया है, जिससे यह पता लगाया जा सके कि क्या इस वाहन का इस्तेमाल धमाका सामग्री के परिवहन या विस्फोटक उपकरण लगाने में किया गया था।
जांच एजेंसियां उमर की तलाश में जुटी
जांच एजेंसियों ने उमर मोहम्मद के बैंक खातों, मोबाइल लोकेशन और सोशल मीडिया गतिविधियों की पड़ताल शुरू कर दी है। खुफिया सूत्रों का कहना है कि उमर पिछले कुछ महीनों से दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में सक्रिय था और कई बार जम्मू-कश्मीर और उत्तर प्रदेश के बीच यात्रा करता देखा गया है।
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और एनआईए (NIA) की टीमें अब यह जानने की कोशिश कर रही हैं कि खंदावली गांव में कार आखिर किसने छोड़ी और धमाके से पहले या बाद में इसका उपयोग किन लोगों ने किया।
धमाके की कड़ी से जुड़ा अहम सुराग
अधिकारियों का कहना है कि यह कार जांच के लिए एक “क्रिटिकल लिंक” साबित हो सकती है, क्योंकि इससे सीधे तौर पर मुख्य संदिग्ध उमर मोहम्मद का संबंध जुड़ता है। एनआईए अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या कार के रजिस्ट्रेशन के लिए किसी स्थानीय डीलर या आरटीओ अधिकारी की मिलीभगत भी रही थी।

