दिल्ली-NCR में जहरीली हवा और घने कोहरे ने हालात गंभीर कर दिए हैं। कई इलाकों में AQI 400 के पार पहुंच गया है। GRAP-4 लागू होने के बावजूद प्रदूषण ‘बहुत खराब’ बना हुआ है, उड़ानों और यातायात पर भी असर पड़ रहा है।

दिल्ली का AQI अब भी ‘बहुत खराब’ (Img Source: Google)
New Delhi: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और उससे सटे एनसीआर में सोमवार (22 दिसंबर) की सुबह लोगों के लिए भारी परेशानी लेकर आई। शहर भर में घने कोहरे और स्मॉग की मोटी परत छाई रही, जिससे दृश्यता काफी कम हो गई। खराब विजिबिलिटी का सीधा असर हवाई यातायात पर पड़ा और दिल्ली एयरपोर्ट से पिछले कई दिनों से लगातार उड़ानें रद्द या देरी से संचालित हो रही हैं। औसतन रोज 50 से ज्यादा फ्लाइट्स पर असर देखा जा रहा है।
एनसीआर में बिगड़ती हवा को देखते हुए एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमीशन (CAQM) ने ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान यानी GRAP के स्टेज-IV के तहत सभी सख्त उपाय लागू कर दिए हैं। इसके बावजूद हवा की गुणवत्ता में कोई खास सुधार नजर नहीं आ रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि ठंडी हवाओं की कमी और ज्यादा नमी के कारण प्रदूषक ऊपर नहीं उठ पा रहे, जिससे स्मॉग बना हुआ है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, सोमवार सुबह सात बजे दिल्ली का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 377 रिकॉर्ड किया गया। हालांकि यह रविवार के मुकाबले थोड़ा बेहतर है, लेकिन अभी भी ‘बहुत खराब’ श्रेणी में बना हुआ है। राजधानी के कई इलाकों में AQI 400 के पार दर्ज किया गया, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक माना जाता है।
राजधानी के प्रदूषण हॉटस्पॉट्स की बात करें तो आनंद विहार में AQI 402, बवाना में 408, जहांगीरपुरी में 402, मुंडका में 400 और नरेला में 418 दर्ज किया गया। इसके अलावा वजीरपुर में 408, विवेक विहार में 388, द्वारका में 386 और आईटीओ में 370 AQI रिकॉर्ड हुआ। पुरानी दिल्ली के चांदनी चौक इलाके में भी AQI 376 रहा, जो बेहद खराब स्थिति को दर्शाता है।
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दिल्ली के साथ-साथ एनसीआर के अन्य शहरों में भी हालात चिंताजनक बने हुए हैं। नोएडा में AQI 327, ग्रेटर नोएडा में 329, गाजियाबाद में 364 और गुरुग्राम में 328 दर्ज किया गया। ये सभी आंकड़े ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आते हैं और लंबे समय तक ऐसी हवा में रहने से सांस, आंख और दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है।
घने कोहरे और स्मॉग के कारण विजिबिलिटी बेहद कम हो गई है। दिल्ली एयरपोर्ट से उड़ानों के संचालन में लगातार दिक्कतें आ रही हैं। कई फ्लाइट्स को रद्द करना पड़ा है, जबकि कई घंटों की देरी से उड़ान भर रही हैं। सड़कों पर भी वाहन चालकों को धीमी रफ्तार से चलना पड़ रहा है, जिससे जाम और दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ गया है।
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वायु गुणवत्ता निगरानी प्रणालियों के अनुसार, फिलहाल प्रदूषण की स्थिति में बड़े सुधार के संकेत नहीं हैं। जब तक तेज हवाएं नहीं चलतीं या बारिश नहीं होती, तब तक स्मॉग से राहत मिलना मुश्किल माना जा रहा है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बच्चों, बुजुर्गों और सांस के मरीजों को खास सतर्कता बरतने की सलाह दी है।